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Hindi News मध्य-प्रदेश सपना देखने के बाद विसर्जित मूर्ति को वापस बाहर निकालकर की स्थापना, 8 साल से बप्पा की सेवा कर रहा ये शख्स, जानें मान्यता

सपना देखने के बाद विसर्जित मूर्ति को वापस बाहर निकालकर की स्थापना, 8 साल से बप्पा की सेवा कर रहा ये शख्स, जानें मान्यता

खंडवा में एक गणेश भक्त हैं मनीष गुरबानी, जिन्होंने अपने घर में गणेश जी की सुंदर झांकी सजा रखी है। देखने में तो यह ऐसा लगता है कि कोई गणेश मंडल हो लेकिन यहां विराजित बप्पा की प्रतिमा के पीछे एक रहस्य है।

ganesh idol- India TV Hindi Image Source : INDIA TV मनीष गुरबानी, सपना देखने वाला युवक

देशभर में 10 दिवसीय गणेशोत्सव की धूम है और हर कोई गणपति बप्पा को अपने-अपने अंदाज में मना  रहा है। लेकिन हम आज आपको एक ऐसे गणेश भक्त के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे गणपति बप्पा ने खुद चुना है। यह सुनकर आपको आश्चर्य हो रहा होगा लेकिन इस बात में सच्चाई भी दिखाई पड़ती है। दरअसल, मध्य प्रदेश के खंडवा में ऐसे ही एक गणेश भक्त हैं मनीष गुरबानी, जिन्होंने अपने घर में गणेश जी की सुंदर झांकी सजा रखी है। देखने में तो यह ऐसा लगता है कि कोई गणेश मंडल हो लेकिन यहां विराजित बप्पा की प्रतिमा के पीछे एक रहस्य है।

सपने में आए बप्पा, बोले- मुझे बाहर निकालो
इसका खुलासा करते हुए मनीष गुरबानी ने बताया कि यह बात 8 बरस पहले की है जब उन्होंने मोतियों से जुड़ी हुई इस सुंदर गणेश प्रतिमा को विसर्जित कर दिया था। तभी एक दिन अचानक सपने में यह मूर्ति आई और बप्पा ने कहा कि तुमने मुझे विसर्जित कर दिया है। मुझे बाहर निकालो और मेरी स्थापना करो। यह सपना देखकर मनीष पहले तो डर गए, लेकिन बाद में उन्होंने यह पूरा वृतांत विद्वानों से साझा किया और उनसे इस विषय पर सलाह मांगी। इन सब के बाद मनीष ने विसर्जित की हुई प्रतिमा को वापस बाहर निकाला।

Image Source : india tvगणेश प्रतिमा

खुद को मानते हैं गणेश पुत्र
मनीष बताते हैं कि जब उन्होंने यह प्रतिमा बाहर निकाली थी तब वह वैसे ही थी, जैसी उन्होंने विसर्जित की थी। कहीं कोई थोड़ा सा रंग हल्का हुआ होगा। मनीष इस प्रतिमा को घर लाए और बप्पा की स्थापना कर पूजा करने लगे। गणेशोत्सव के 10 दोनों तक मनीष के घर में ही आमजन भी बप्पा के दर्शन करने पहुंचते हैं। मनीष बताते हैं कि इन 8-9 सालो में जब से बप्पा वापस घर आए हैं तब से उनकी प्रगति ही प्रगति हुई है और यही कारण है, जो वह खुद को गणेश पुत्र मानते हैं। वह गणेशजी की इस प्रतिमा का विसर्जन नहीं करते हैं।

(रिपोर्ट– प्रतीक मिश्रा)

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