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Hindi News मध्य-प्रदेश Madhya Pradesh News: मध्यप्रदेश में दसवीं तक साढ़े 4 किलो से ज्यादा नहीं होगा बस्ते का बोझ, सरकार ने स्कूली बैग पॉलिसी-2020 जारी की

Madhya Pradesh News: मध्यप्रदेश में दसवीं तक साढ़े 4 किलो से ज्यादा नहीं होगा बस्ते का बोझ, सरकार ने स्कूली बैग पॉलिसी-2020 जारी की

Madhya Pradesh News: मध्यप्रदेश सरकार ने अपनी स्कूली बैग पॉलिसी-2020 जारी कर दी है। इसके तहत स्कूली बच्चों के बैग का वजन तय कर दिया गया है। क्लास 10th तक के बच्चों के बैग का वजन साढ़े 4 किलो से ज्यादा नहीं होना चाहिए।

MP government released the school bag policy 2020- India TV Hindi Image Source : PTI MP government released the school bag policy 2020

Highlights

  • मध्यप्रदेश सरकार ने स्कूली बैग पॉलिसी-2020 जारी की
  • अब 10वीं तक के बच्चों के बैग का वजन साढ़े 4 किलो से ज्यादा नहीं होगा
  • इस नियम के तहत सप्ताह में एक दिन बच्चे बगैर बैग के स्कूल आएंगे

Madhya Pradesh News: मध्यप्रदेश में स्कूली बच्चों के लिए राहत भरी खबर है। राज्य सरकार ने अपनी स्कूली बैग पॉलिसी-2020 जारी कर दी है। इसके मुताबिक दसवीं की कक्षा तक के बच्चों के बैग का भार साढ़े चार किलो से ज्यादा किसी भी कीमत पर नहीं होगा। राज्य सरकार की नई स्कूल बैग पॉलिसी के अनुसार, पांचवी तक के बच्चों के बस्ते का वजन एक किलो 600 ग्राम से ढाई किलोग्राम तक होगा। बच्चों के बस्तों में राज्य सरकार और NCERT द्वारा तय की गई पुस्तकों को ही रखा जाएगा।

होमवर्क को लेकर भी सरकार ने जारी किए निर्देश

वहीं दूसरी कक्षा तक के विद्यार्थियों को अब होमवर्क नहीं दिया जाएगा। राज्य सरकार की स्कूल बैग पॉलिसी में तय किया गया है कि कक्षा तीसरी से पांचवी तक सप्ताह में दो घंटे, छठी से आठवीं तक प्रतिदिन एक घंटे और 9वीं से 12वीं तक के बच्चों को हर दिन अधिकतम दो घंटे का होमवर्क ही दिया जाएगा। इसके साथ ही सभी स्कूलों को अपने नोटिस बोर्ड और क्लास में बच्चों के बस्ते के वजन का चार्ट भी लगाना होगा। इसके अलावा बगैर पुस्तकों के बच्चों के लिए कंप्यूटर, नैतिक शिक्षा और सामान्य ज्ञान की कक्षाएं लगाना होंगी। इतना ही नहीं सप्ताह में एक दिन बच्चे बगैर बैग के स्कूल आएंगे।

11वीं और 12वीं के बच्चों के बैग का वजन स्कूल पर निर्धारित

राज्य सरकार ने स्कूल बैग पॉलिसी के जरिए जहां पहली से लेकर 10वीं तक के स्कूल बैग का वजन तय कर दिया गया है। वहीं 11वीं और 12वीं के मामले में शाला प्रबंधन समितियां जरूरत के आधार पर बस्ते का वजन तय करेंगे। इस नई नीति के अनुसार सरकारी, गैर सरकारी और अनुदान प्राप्त स्कूलों में बच्चों के बस्ते का वजन तय होगा और उनका होमवर्क भी।