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Hindi News महाराष्ट्र 'छोटा-मोटा चैलेंज नहीं लेता, बड़ा वाला 6 महीने पहले पूरा किया', आदित्य की चुनौती पर बोले CM शिंदे

'छोटा-मोटा चैलेंज नहीं लेता, बड़ा वाला 6 महीने पहले पूरा किया', आदित्य की चुनौती पर बोले CM शिंदे

आदित्य ठाकरे के चैलेंज पर जवाब देते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि हमने 6 महीने पहले एक बड़ी चुनौती स्वीकार की थी और उसे पूरा करके भी दिखाया था।

Eknath Shinde News, Aditya Thackeray News, Aditya Thackeray Challenge- India TV Hindi Image Source : PTI FILE महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे।

मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे की ओर से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को मुंबई की वर्ली सीट से उनके खिलाफ चुनाव लड़ने की चुनौती पर सीएम का बयान आ गया है। अपने जवाब में सीएम शिंदे ने आदित्य के चैलेंज को ‘छोटा’ करार देते हुए कुछ महीने पहले महाराष्ट्र में हुए सत्ता परिवर्तन को ‘बड़ा’ चैलेंज बताया है। आदित्य ठाकरे ने पिछले शुक्रवार को मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था, ‘मैंने इस असंवैधानिक मुख्यमंत्री को चुनौती दी है कि मैं वर्ली से विधायक पद से इस्तीफा दे दूंगा और आप मेरे खिलाफ चुनाव लड़िये। देखते हैं आप वर्ली से कैसे जीतते हैं।’

‘बड़ी चुनौती 6 महीने पहले स्वीकार की थी’
आदित्य ठाकरे के चैलेंज पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, ‘हम ऐसी छोटी-मोटी चुनौती स्वीकार नहीं करते। हमने 6 महीने पहले एक बड़ी चुनौती स्वीकार की थी और उसे पूरा करके भी दिखाया था।’ शिंदे ने कहा कि हम यहां ऐसे ही नहीं आए हैं। उन्होंने कहा कि हमने शाखा प्रमुख से शुरुआत की है और काम करके यहां आए है। वहीं, आदित्य ठाकरे ने मुख्यमत्री को चेलेंज जरूर किया है और अक्सर कहते हैं कि वर्ली के लोग और खासकर कोली समाज उनके साथ है लेकिन कोली समाज से बात करने पर कुछ और ही बात सामने आई।

शिंदे, फडणवीस का सम्मान करेंगे मछुआरे
आदित्य के निर्वाचन क्षेत्र वर्ली के कोली समाज यानी मछुवारों की तरफ से कोस्टल रोड को लेकर हो रही परेशानी सुलझाने पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को सम्मानित किया जाने का कार्यक्रम है। कोली समाज का कहना है कि आदित्य से गुहार लगाने के बावजूद कुछ नहीं हुआ, और चूंकि शिंदे सरकार की तरफ से मदद मिली, उनका स्वागत कर रहे हैं। कोस्टल रोड प्रोजेक्ट में बनने वाले पिलर्स के बीच कम दूरी होने की वजह से मछुआरों को नाव ले जाने में दिक्कत होती। शिंदे सरकार ने उनकी इस दिक्कत को दूर करने का आश्वासन दिया है।

अपने ‘घर’ वर्ली में कमजोर पड़ रह आदित्य?
गौर करने वाली बात यह है कि आदित्य ठाकरे बार-बार जिस वर्ली से शिंदे को चुनाव लड़ने की चुनौती दे रहे हैं, वहा के 2 जाने-माने पूर्व पार्षद संतोष खरात और मानसी दलवी ने तमाम कार्यकर्ताओं के साथ शिंदे गुट का हाथ थाम लिया है। वर्ली के तमाम पार्टी कार्यकर्ताओं ने भी एकनाथ शिंदे को अपना समर्थन दिया है। पूर्व पार्षद खरात बताते है कि जब तक वह आदित्य ठाकरे के साथ थे तब तक तो उन्हें कभी पूछा भी नहीं गया।

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