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Hindi News महाराष्ट्र मुखाग्नि से ठीक पहले रोक दिया संस्कार, घरवाले ले गए थे गलत शव, एक जैसा नाम होने से हुई गड़बड़ी

मुखाग्नि से ठीक पहले रोक दिया संस्कार, घरवाले ले गए थे गलत शव, एक जैसा नाम होने से हुई गड़बड़ी

Maharashtra News: 62 वर्षीय रमाकांत पाटिल की एमजीएम अस्पताल में रक्तचाप और मधुमेह के कारण मौत हो गई थी, वहीं उसी अस्पताल में पनवेल तहसील के दहिवली गांव के रहने वाले 66 वर्षीय राम पाटिल की किडनी और लीवर संबंधी रोग के कारण मौत हो गई थी।

Dead Body- India TV Hindi Image Source : REPRESENTATIONAL IMAGE Dead Body

Highlights

  • एक नाम वाले व्यक्तियों के शवों की अदला-बदली
  • दाह संस्कार से ठीक पहले रिश्तेदारों को पता चला
  • शवागार के कर्मचारियों से होगी पूछताछ

Maharashtra News: महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में एक नाम और लगभग समान उम्र के दो लोगों के शवों की अदला-बदली होने का मामला सामने आया है। हालांकि अंतिम संस्कार से पहले दोनों व्यक्तियों के परिवारों ने उनकी मूछों में फर्क पाया और फिर शवों को एक दूसरे से बदला गया।

दाह संस्कार से ठीक पहले पता चला
अलीबाग तहसील के पेजारी गांव के निवासी 62 वर्षीय रमाकांत पाटिल की एमजीएम अस्पताल में रक्तचाप और मधुमेह के कारण मौत हो गई थी, वहीं उसी अस्पताल में पनवेल तहसील के दहिवली गांव के रहने वाले 66 वर्षीय राम पाटिल की किडनी और लीवर संबंधी रोग के कारण मौत हो गई थी। मृतकों में से एक के रिश्तेदार ने बताया, "दाह संस्कार से ठीक पहले रमाकांत पाटिल के रिश्तेदारों ने महसूस किया कि मृतक की मूंछें अलग थीं। अस्पताल से संपर्क किया गया, लेकिन वहां के कर्मचारियों ने किसी भी गड़बड़ी को स्वीकार करने से इनकार कर दिया।"

दोनों परिवारों ने शवों को लेने पहले उन्हें देखा था
राम पाटिल के परिवार को भी लगा कि कुछ गड़बड़ है और दोनों समूह एमजीएम अस्पताल पहुंचे। इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने शवों की अदला-बदली की व्यवस्था की। इस बीच, अस्पताल प्रबंधन ने एक बयान में अपना बचाव किया और कहा कि दोनों परिवारों ने शवों को स्वीकार करने से पहले उन्हें देखा था।

शवागार के कर्मचारियों से होगी पूछताछ
राम पाटिल के एक रिश्तेदार ने बताया कि शवागार के कर्मचारियों की अनदेखी की वजह से दोनों परिवारों को नाहक तकलीफ उठाना पड़ा, इसलिए मामले की छानबीन कर कार्रवाई की जानी चाहिए। वहीं, एमजीएम अस्पताल के प्रवक्ता के अनुसार पहली बार शव देते समय दोनों परिवारों ने विरोध नहीं किया था। लेकिन जब शिकायत आई है तो शवागार के कर्मचारियों से पूछताछ की जाएगी।