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Hindi News पैसा ऑटो अब चार्जिंग के लिए नहीं करना होगा घंटों इंतजार, सिर्फ 15 मिनट में फुल चार्ज हो जाएगी EV की बैटरी

अब चार्जिंग के लिए नहीं करना होगा घंटों इंतजार, सिर्फ 15 मिनट में फुल चार्ज हो जाएगी EV की बैटरी

15 Minutes Charging EV: 15 मिनट की रैपिड चार्जिंग से ईवी की चार्जिंग लागत 33 फीसदी तक कम हो जाएगी। कंपनी इसे जल्द दिल्ली में लॉन्च करने जा रही है।

15 Minutes Charging EV- India TV Paisa Image Source : FILE 15 Minutes Charging EV

Rapid Charging Battery: एक्सपोनेंट एनर्जी ईवी इंडस्ट्री में क्रांति लाने जा रही है। कंपनी ने एक ऐसी टेक्नोलॉजी विकसित की है जो दुनिया में पहली बार किसी कंपनी द्वारा बनाया गया है। इस भारतीय कंपनी  ने 15 मिनट में रैपिड चार्जिंग सॉल्यूशन तैयार किया है, जो बैटरी पैक (ई-पैक), चार्जिंग स्टेशन (ई-पंप) और चार्जिंग कनेक्टर (ई-प्लग) के साथ आता है। इसकी मदद से 15 मिनट में इलेक्ट्रिक गाड़ी को चार्ज किया जा सकता है और इससे बैटरी लाइफ पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा। इस टेक्नोलॉजी की मदद से एक बैटरी को 3000 बार चार्ज करने की वारंटी कंपनी दे रही है। यानि कि 5 साल तक आपको टेंशन फ्री ईवी यूज करना है। जो इंडस्ट्री स्टैंडर्ड से 3 गुना अधिक है। रैपिड चार्जिंग के कारण रेंज कम होने और अधिक खर्च होने की चिंता दूर हो जाती है। कंपनी के टेक्नोलॉजी से बैटरी का आकार भी बड़ा नहीं होता है। कंपनी का मानना है कि आने वाले समय में इस टेक्नोलॉजी के चलते ईवी पर होने वाले खर्च में 30 फीसदी की गिरावट देखी जाएगी। इसके अलावा 15 मिनट की रैपिड चार्जिंग से ईवी की चार्जिंग लागत 33 फीसदी तक कम हो जाएगी। 

कैसे काम करती है ये टेक्नोलॉजी?

जब किसी सेल को चार्ज किया जाता है ​तो ली—आयन का प्रवाह कैथेड से एनोड की ओर जाता है और यह अवशोषित हो जाता है। आप जितनी तेजी से चार्ज करेंगे, उतना ही आयन प्रवाहित होगा जिस कारण एनोड के आसपास जमाव बढ़ जाता है। यदि इसकी जांच नहीं की गई तो यह जमाव लिथियम प्लेटिंग पर असर डालता है, इस कारण सेल की क्षमता घटने लगती है। एक्सपोनेंट ने अपनी बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम (औद्योगिक मानक से दस गुना अधिक सटीक), वर्चुअल सेल मॉडल तथा डायनामिक चार्जिंग एल्गोरिथम की सहायता से इस समस्या का हल निकाला है। इसके जरिए कंपनी सही समय पर लिथियम के जमाव को सक्रियता से भांप लेती है और सुनिश्चित करती है कि प्रत्येक सेल बगैर किसी बड़े क्षमता—ह्रास के तेजी से चार्ज हो सके। 

किसी भी कंडीशन में बैटरी नहीं होगी हीट

अगर हम तेज चार्जिंग से बैटरी में पैदा होने वाली हीट और उससे होने वाले नुकसान पर बात करते हैं तो पता चलता है कि इस प्रयोग को एक स्वतंत्र टेस्टिंग प्रयोगशाला टीयूवी इंडिया (टीयूवी नॉर्ड ग्रुप, जर्मनी) से मान्यता मिली है, जिसने पाया है कि 3000 बार 15 मिनट की रैपिड चार्जिंग के बाद भी सिर्फ 13 फीसदी क्षमता का नुकसान हुआ है। 15 मिनट की रैपिड चार्जिंग एक टन उष्मा पैदा करती है। यह चार घंटे की इंडस्ट्री औसत चार्जिंग से 256 गुना ज्यादा है। यदि इस उष्मा को बाहर नहीं निकाला गया तो बैटरी पैक बहुत गर्म होकर स्विच ऑफ हो जाएगा। इसके अलावा, भारत में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या इससे अधिक रहता है और ली—आयन बैटरियों में इससे बहुत कम थर्मल तापमान 25-35 डिग्री सेल्सियस रहता है। इसके लिए कंपनी ने ई—पंप तैयार किया है, जो चार्जिंग के दौरान ई—पैक में प्रत्येक ली—आयन सेल को ठंडा रखने के लिए ई-प्लग के जरिये रेफ्रिजरेटेड पानी को बाहर निकाल देता है। इससे किसी भी जलवायु परिस्थिति में तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा नहीं हो पाता है। 

Image Source : FileExponent Energy CEO

जल्द दिल्ली में लॉन्च होगी ये तकनीक

एक्सपोनेंट एनर्जी के सीईओ और को-संस्थापक अरुण विनायक ने कहा कि एक्सपोनेंट में हम ऊर्जा का भविष्य तैयार कर रहे हैं जिसमें दुनिया की वास्तविक अर्थव्यवस्थाओं के साथ अत्याधुनिक इंजीनियरिंग समाहित है और हमारी ऑफ—बोर्ड थर्मल मैनेजमेंट सिस्टम इस भरोसे का प्रमाण है। यदि हर किसी की इलेक्ट्रिक पर निर्भरता बढ़ाना चाहते हैं तो ग्राहकों को ऐसा ईवी देना होगा जो तेजी से चार्ज हो, लंबा चले और कम से कम खर्च उठाए। 15-मिनट की त्वरित चार्जिंग के लिए हमारी विशेष दोतरफा पहल ईवी को तीन गुना लंबा जीवन देती है और परंपरागत ईवी के मुकाबले लागत को 30 फीसदी कम करती है। हम दिल्ली—एनसीआर, मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई और अहमदाबाद से शुरुआत करते हुए इसे समस्त भारत में पहुंचाने को लेकर उत्साहित हैं।

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