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Hindi News पैसा बिज़नेस 28 प्रतिशत भारतीयों की यात्रा की योजना, बढ़ेगा कोविड की तीसरी लहर का खतरा : रिपोर्ट

28 प्रतिशत भारतीयों की यात्रा की योजना, बढ़ेगा कोविड की तीसरी लहर का खतरा : रिपोर्ट

सर्वे के मुताबिक 28 प्रतिशत नागरिक अगस्त-सितम्बर के दौरान यात्रा की योजना बना रहे हैं। हालांकि इनमें से केवल पांच प्रतिशत लोगों ने बुकिंग की है।

<p>28 प्रतिशत भारतीयों की...- India TV Paisa Image Source : PTI 28 प्रतिशत भारतीयों की यात्रा की योजना

नई दिल्ली। देश में 28 प्रतिशत भारतीय इस वर्ष अगस्त-सितंबर के बीच यात्रा करने की योजना बना रहे हैं, जिससे कोविड-19 की तीसरी लहर का खतरा बढ़ना तय है। एक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म लोकलसर्कल्स ने एक बयान में कहा कि 12 अप्रैल के उसके सर्वेक्षण में कोविड-19 की दूसरी लहर के खतरे के प्रति आगाह करते हुए सरकारों को यात्रा प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया गया था। उसने कहा कि कोविड की संभावित तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए जोखिम का अनुमान लगाने और आने वाले महीनों के लिए लोगों की यात्रा योजनाओं को समझने के लिए उसने एक और सर्वेक्षण किया। इसमें लोगों से उनकी यात्रा का कारण भी पूछा गया। इस सर्वेक्षण में 311 जिलों के 18,000 लोगों ने भाग लिया, जिसमें से 68 प्रतिशत पुरुष और शेष महिलाएं शामिल रहीं। लोकलसर्कल्स ने बताया कि 28 प्रतिशत नागरिक अगस्त-सितम्बर के दौरान यात्रा की योजना बना रहे हैं। हालांकि इनमें से केवल पांच प्रतिशत लोगों ने बुकिंग की है। उल्लेखनीय है कि कोविड-19 की दूसरी भीषण लहर के दौरान कई लोगों को गर्मियों के लिए अपनी यात्रा योजना रद्द करनी पड़ी थी, जिसके बाद लोग अब यात्रा की योजना बना रहे हैं। 

दूसरी तरफ विशेषज्ञ भी लगातार तीसरी लहर को लेकर सभी को सचेत कर रहे हैं। हालांकि लॉकडाउन में ढील के बाद पर्यटन स्थलों में लोगों की बढ़ती भीड़ ने सरकारों की चिंताओं को बढ़ा दिया है। प्रधानमंत्री खुद भी कई बार लोगों को कोविड के प्रति सतर्क रहने के लिये कह चुके हैं। देश में फिलहाल कोरोना नियंत्रण में हैं हालांकि  केरल और महाराष्ट्र की वजह से चिंतायें बनी हुई है। दोनो राज्यों में देश के कुल नये मामलों के आधे से ज्यादा मामले मिले हैं। वहीं  केरल में देश के कुल नये मामलों में करीब 40 प्रतिशत हिस्सा है। देश में रिकवरी दर 97.36 प्रतिशत है, हालांकि केरल, महाराष्ट्र पंजाब और असम में रिकवरी दर इससे नीचे है। 

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