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Hindi News पैसा बिज़नेस नहीं खत्म हो रही बैंकों की काली रात, वित्त वर्ष के अंत तक Bad loan 10 लाख करोड़ रुपये के पार जाने की आशंका

नहीं खत्म हो रही बैंकों की काली रात, वित्त वर्ष के अंत तक Bad loan 10 लाख करोड़ रुपये के पार जाने की आशंका

अध्ययन के अनुसार बैंकों की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (जीएनपीए) मार्च 2022 तक 10 लाख करोड़ रुपये से ऊपर जा सकती है।

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नयी दिल्ली। बैंकों का एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) यानी फंसा कर्ज चालू वित्त वर्ष के अंत तक 10 लाख करोड़ रुपये को पार कर सकता है। इसका मुख्य कारण खुदरा और सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) को दिये गये कर्ज लौटाने में आने वाली समस्या है। मंगलवार को एक अध्ययन में यह कहा गया। उद्योग मंडल एसोचैम और रेटिंग कंपनी क्रिसिल के एक अध्ययन के अनुसार, ‘‘खुदरा और एमएसएमई क्षेत्र में कर्ज लौटाने में दिक्कत तथा कुछ संपत्तियों के पुनर्गठन के कारण मार्च 2022 तक एनपीए बढ़कर 8.5-9 प्रतिशत तक जा सकता है।’’ 

अध्ययन के अनुसार बैंकों की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (जीएनपीए) मार्च 2022 तक 10 लाख करोड़ रुपये से ऊपर जा सकती है। इसमें कहा गया है कि संपत्ति गुणवत्ता को लेकर मौजूदा दबाव कुछ साल पहले देखे गये दबाव से अलग है। उस समय एनपीए मुख्य रूप से बड़े खातों से कर्ज लौटाने में चूक के कारण बढ़े थे। अध्ययन के अनुसार इस बार छोटे खाते, विशेष रूप से एमएसएमई और खुदरा श्रेणी के खातों में कर्ज वापसी में समस्या की आशंका है। 

हालांकि इसमें यह भी कहा गया है कि एमएसएमई और छोटे कर्जदारों के लिये घोषित कर्ज पुनर्गठन योजना से एनपीए में बहुत ज्यादा वृद्धि पर लगाम लगनी चाहिए। साथ ही दबाव वाली संपत्ति में निवेश करने वाले निवेशकों के लिये इस प्रकार की परिसंपत्ति में निवेश के अवसर हैं।

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