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Hindi News पैसा बिज़नेस जुर्माने से बचने के लिए एयरटेल, वोडाफोन आइडिया लेंगी कानून का सहारा, DCC के फैसले पर जताई निराशा

जुर्माने से बचने के लिए एयरटेल, वोडाफोन आइडिया लेंगी कानून का सहारा, DCC के फैसले पर जताई निराशा

दूरसंचार कंपनियों भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने डीसीसी द्वारा उन पर कुल 3,050 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने के फैसले पर निराशा जताते हुए दोनों कंपनियों ने कानूनी विकल्प तलाशने की बात कही है।

DCC approves Rs 3,050 cr penalty on Airtel, Voda Idea; telecom operators plan legal recourse- India TV Paisa DCC approves Rs 3,050 cr penalty on Airtel, Voda Idea; telecom operators plan legal recourse

नयी दिल्ली। दूरसंचार कंपनियों भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने डिजिटल संचार आयोग (डीसीसी) द्वारा उन पर कुल 3,050 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने के फैसले पर निराशा जताई है और इसे एक मनमाना कदम बताया है। दोनों कंपनियों ने इस फैसले के खिलाफ कानूनी विकल्प तलाशने की बात कही है। 

डीसीसी ने बुधवार को रिलायंस जियो को पॉइंट्स आफ इंटरकनेक्शन (पीओआई) नहीं उपलब्ध कराने के मामले में भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया पर कुल 3,050 करोड़ रुपये के जुर्माने को मंजूरी दे दी है। डीसीसी विभाग का निर्णय लेने वाला शीर्ष निकाय है। 

अक्टूबर, 2016 में ट्राई ने एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया (अब विलय हो चुका) पर कथित रूप से रिलायंस जियो को इंटर कनेक्टिविटी उपलब्ध नहीं कराने के मामले में कुल 3,050 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने की सिफारिश की थी। एयरटेल और वोडाफोन प्रत्येक पर 1,050 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था। वहीं आइडिया पर 950 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा था। अब वोडाफोन और आइडिया का विलय हो चुका है ऐसे में नई इकाई वोडाफोन आइडिया को दोनों कंपनियों का जुर्माना भरना होगा। 

एयरटेल ने डीसीसी के फैसले को 'मनमाना' बताते हुए कहा कि इससे पहले से वित्तीय संकट से जूझ रही दूरसंचार कंपनियों पर और बोझ पड़ेगा। एयरटेल ने कहा कि वह इस बारे में औपचारिक सूचना मिलने के बाद उचित मंच से संपर्क करेगी। कंपनी ने कहा कि उसे देश की न्यायिक प्रक्रिया में पूरा भरोसा है।

देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया ने कहा है कि वह कानून का पालन करने और कंपनी संचालन के कड़े नियमों का अनुपालन करने वाली कंपनी है। वोडाफोन आइडिया ने कहा कि वह जुर्माना लगाने के मामले में अपने हितों के संरक्षण के लिए कानूनी मार्ग सहित अन्य विकल्पों पर विचार कर रही है।

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