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आर्थिक समीक्षा में भूमि, रीयल एस्टेट को जीएसटी के दायरे में लाने पर जोर

जीएसटी को एक साहसिक नया प्रयोग बताते हुए आर्थिक समीक्षा में भूमि एवं अन्य अचल संपत्ति को इस अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के अंतर्गत लाने पर जोर दिया गया है।

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नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) को एक साहसिक नया प्रयोग बताते हुए बजट पूर्व आर्थिक समीक्षा में भूमि एवं अन्य अचल संपत्ति को इस अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के अंतर्गत लाने पर जोर दिया गया है। इससे जीडीपी वृद्धि दर को बढ़ाकर 8-10 प्रतिशत पर ले जाने में मदद मिल सके। भूमि और अन्य अचल संपत्ति कालाधन सृजन के प्रमुख स्रोतों में से एक है।

समीक्षा में कहा गया है, जीएसटी एक साझा भारतीय बाजार तैयार करेगा, कर अनुपालन एवं संचालन में सुधार लाएगा और निवेश एवं वृद्धि में तेजी लाएगा। यह भारत के सहकारी संघीय व्यवस्था के संचालन में भी एक साहसिक नया प्रयोग है।

समीक्षा में जीएसटी को अमली जामा पहनाने वाले संविधान संशोधन विधेयक को परिवर्तनकारी बताया गया, लेकिन साथ ही यह भी कहा गया कि जीएसटी की दरें कम और आसान रखने को लेकर राज्यों की ओर से पर्याप्त दबाव नहीं है।

समीक्षा में कहा गया कि ऐसा लगता है कि जीएसटी संभवत: इस वित्त वर्ष के उत्तरार्ध में लागू किया जाएगा। जीएसटी की ओर रख करना, प्रशासनिक और प्रौद्योगिकीय दृष्टिकोण से इतना जटिल है कि राजस्व संग्रह की संभावना के पूर्ण दोहन में कुछ समय लगेगा।

राज्यों के अपने जीएसटी संग्रह में किसी तरह की कमी की भरपाई को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता को देखते हुए राजस्व संग्रह के संबंध में परिदृश्य का अनुमान सावधानीपूर्वक लगाना आवश्यक है।

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