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Hindi News पैसा बिज़नेस वित्त मंत्री का दुनिया से कोविड टीकों की प्रौद्योगिकी साझा करने का आह्वान

वित्त मंत्री का दुनिया से कोविड टीकों की प्रौद्योगिकी साझा करने का आह्वान

वीडियो कांफ्रेन्स के जरिये आयोजित कार्यक्रम में भाग लेते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि कोविड महामारी से निपटने के लिये वैश्विक स्तर पर सबको मिलकर काम करने की जरूरत है।

<p>कोविड से एकजुट होकर...- India TV Paisa Image Source : PTI कोविड से एकजुट होकर मुकाबले की अपील

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को दुनिया के देशों से महामारी के इस दौर में कोविड टीकों की प्रौद्योगिकी साझा करने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी कहा कि टीके को लेकर कोई राष्ट्रवाद नहीं हो सकता। वित्त मंत्री ने कोविड महामारी के संदर्भ में बौद्धिक संपदा अधिकार से जुड़े व्यापार संबंधित पहलुओं (ट्रिप्स) पर गौर करने की जरूरत पर भी जोर दिया। 

उन्होंने एशियाई विकास बैंक (एडीबी) की सालाना बैठक में कहा, ‘‘देशों को टीका आधारित प्रौद्योगिकी साझा करने के लिये तैयार होना होगा। महामारी के संदर्भ में ट्रिप्स समझौते पर गौर करना होगा। टीकों को लेकर कोई राष्ट्रवाद नहीं हो सकता। देशों को इस मामले में लचीला रुख अपनाना चाहिये।’’ ट्रिप्स समझौता विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) सदस्य देशों के बीच एक कानूनी समझौता है। यह सदस्य देशों द्वारा बौद्धिक संपदा के विभिन्न रूपों के विनियमन के लिये मानक स्थापित करता है जो डब्ल्यूटीओ के सदस्य देशों पर लागू होता है। समझौता जनवरी 1995 में प्रभाव में आया। वीडियो कांफ्रेन्स के जरिये आयोजित कार्यक्रम में भाग लेते हुए उन्होंने कहा कि कोविड महामारी से निपटने के लिये वैश्विक स्तर पर सबको मिलकर काम करने की जरूरत है। 

वित्त मंत्री ने कहा कि महामारी के बाद ‘‘जैसा कि मैंने कहा है, भविष्य खुलेपन, पारदर्शिता, निष्पक्षता, टिकाऊपन और समावेशी सिद्धांतों पर आधारित होना चाहिये।’’ वैश्विक जलवायु कार्रवाई के संदर्भ में उन्होंने कहा कि भारत पेरिस समझौते से संबद्ध सभी प्रतिबद्धताओं को लेकर प्रतिबद्ध है और वह उसे पूरा करने के रास्ते पर है। वित्त मंत्री ने इस मौके पर यह भी कहा कि सरकार ने महामारी के दौरान आर्थिक गतिविधियां बनाये रखने के लिये विभिन्न क्षेत्रों को वित्तीय सहायता उपलब्ध करायी है। उन्होंने कहा कि एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, सरकार ने महामारी के दौरान उनकी मदद के लिये 3 लाख रुपये की कर्ज गारंटी के रूप में वित्तीय सहायता उपलब्ध करायी। 

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