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Hindi News पैसा बिज़नेस विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने मई में अबतक शुद्ध रूप से 6,452 करोड़ रुपये निकाले

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने मई में अबतक शुद्ध रूप से 6,452 करोड़ रुपये निकाले

इससे पिछले महीने में, शेयर बाजार और बांड बाजार से शुद्ध रूप से कुल 9,435 करोड़ रुपये की निकासी गयी थी।

<p>विदेशी निवेशकों ने...- India TV Paisa Image Source : PTI विदेशी निवेशकों ने निकाला निवेश

नई दिल्ली। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने भारतीय बाजार से मई में अबतक 6,452 करोड़ रुपये निकाले हैं। कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के कारण निवेशकों के सेंटीमेंट्स प्रभावित होने के बीच बाजार से निवेश राशि निकाली गयी। डिपोजिटरी आंकड़े के अनुसार विदेशी निवेशकों ने एक से 14 मई के बीच शेयर बाजारों से 6,427 करोड़ रुपये और 25 करोड़ रुपये बांड बाजार से निकाले। इस दौरान शुद्ध रूप से 6,452 करोड़ रुपये बाजार से निकाले गये। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश अधिकारी वी के विजयकुमार ने कहा, ‘‘एफपीआई निकासी का कारण कोविड-महामारी की दूसरी लहर, इसकी रोकथाम के लिये विभिन्न राज्यों में लगाये गये ‘लॉकडाउन’ तथा इसके कारण जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि और कंपनियों के आय और लाभ पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चिंता है।’’ 

इससे पिछले महीने में, शेयर बाजार और बांड बाजार से शुद्ध रूप से कुल 9,435 करोड़ रुपये की निकासी गयी थी। ग्रो के सह-संस्थापक और मुख्य परिचालन अधिकारी हर्ष जैन ने कहा कि महामारी और उसकी रोकथाम के लिये लगाये गये ‘लॉकडाउन’ से अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाला वास्तविक प्रभाव अभी साफ नहीं है, लेकिन निवेशक परेशान तथा सतर्क हैं। मॉर्निंग स्टार इंडिया के एसोसएिट निदेशक-शोध प्रबंधक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि एफपीआई का ध्यान अब आर्थिक आंकड़ों के साथ इस बात पर है कि भारत कितनी जल्दी आर्थिक गति को प्राप्त करता है। अगर समस्या लंबे समय तक बनी रहती है, तो इसका नकारात्मक असर पड़ेगा। 

इससे पहले शनिवार को भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने भी कहा कि स्वतंत्रता के बाद कोविड-19 देश की शायद सबसे बड़ी चुनौती है। पूर्व आरबीआई गवर्नर के कहा कि महामारी के बाद यदि हम समाज के बारे में गंभीरता से सवाल नहीं उठाते हैं तो यह महामारी जितनी बड़ी त्रासदी होगी। 

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