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Glenmark फार्मा को मिली Covid-19 मरीजों पर फैविपि‍राविर दवा के परीक्षण की मंजूरी

मरीज पर परीक्षण की अवधि 14 दिन से ज्यादा नहीं हो सकती है। वहीं इसके पूरे अध्ययन की अवधि 28 दिन से ज्यादा नहीं हो सकती है।

Glenmark Pharma get DCGI nod for trials of COVID-19 tablets- India TV Paisa Glenmark Pharma get DCGI nod for trials of COVID-19 tablets

नई दिल्‍ली। दवा कंपनी ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स को कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों पर फैविपिराविर गोलियों का परीक्षण करने की अनुमति मिल गई है। इस खबर के बाद कंपनी के शेयरों में 9 प्रतिशत से अधिक का उछाल आ गया है। कंपनी ने गुरुवार को दावा किया कि भारत के दवा महानियंत्रक (डीसीजीआई) से ऐसी मंजूरी पाने वाली वह देश की पहली कंपनी है।

ग्‍लेनमार्क फार्मा ने एक बयान में कहा कि उसने इस दवा के लिए कच्चा माल (एपीआई) आंतरिक तौर पर तैयार किया है। इसका यौगिक (फॉर्मूलेशन) भी उसने ही विकसित किया है। कंपनी ने इसके मानवीय चिकित्सकीय परीक्षण की अनुमति मांगी थी। यह मंजूरी कोरोना वारयस से आंशिक तौर पर संक्रमित मरीजों पर परीक्षण के लिए मांगी गई थी।

कंपनी ने कहा कि कोरोना वायरस के मरीजों पर दवा परीक्षण के लिए नियामकीय अनुमति पाने वाली वह देश की पहली कंपनी है। फैविपिराविर एक वायरल-रोधी दवा है। इंफ्लूएंजा वायरस के खिलाफ इस दवा ने सही प्रतिक्रिया दिखाई है। जापान में इंफ्लूएंजा वायरस के इलाज के लिए इस दवा के उपयोग की अनुमति है। नियमों के अनुसार कंपनी आंशिक तौर पर कोरोना वायरस से संक्रमित चुनिंदा 150 मरीजों पर इसका परीक्षण करेगी।

मरीज पर परीक्षण की अवधि 14 दिन से ज्यादा नहीं हो सकती है। वहीं इसके पूरे अध्ययन की अवधि 28 दिन से ज्यादा नहीं हो सकती है। पिछले कुछ महीनों में चीन, जापान और अमेरिका में कोरोना वायरस के मरीजों पर इस तरह के कई प्रायोगिक परीक्षण किए गए हैं। 

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