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2020 की पहली छमाही में गोल्ड ETF में निवेश रिकॉर्ड स्तर पर, आभूषणों की मांग आधी हुई

सोने के बार और सिक्कों में निवेश 11 साल के निचले स्तर पर पहुंचा

<p>WGC report on gold</p>- India TV Paisa Image Source : GOOGLE WGC report on gold

नई दिल्ली। महामारी की वजह से सोने की निवेश मांग में तेज उछाल की वजह से गोल्ड आधारित एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में निवेश नई ऊंचाई पर पहुंच गया है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के द्वारा जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में जनवरी से जून के दौरान गोल्ड ईटीएफ में इनफ्लो 734 टन की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है। पहले 6 महीने में आया निवेश 2009 के सालाना रिकॉर्ड स्तर 646 टन को भी पार कर गया। इस दौरान सोने की कीमतों में तेज बढ़त देखने को मिली है। पहली छमाही के दौरान सोने की कीमत में 17 फीसदी की बढ़त रही है। इसमें से भी दूसरी तिमाही के दौरान कीमत 10 फीसदी बढ़ी है। डॉलर के अलावा अन्य प्रमुख करंसी में भी सोने की कीमतों ने रिकॉर्ड स्तर बनाया।

हालांकि दूसरी तरफ कीमतों में तेजी का असर ठोस सोने और आभूषणों की मांग पर देखने को मिला। साल 2020 के पहले 6 महीने के दौरान सोने के बार और सिक्कों में निवेश में तेज गिरावट देखने को मिली। इस दौरान निवेश 17 फीसदी घटकर 396.7 टन रहा जो कि 11 साल का निचला स्तर है। काउंसिल की रिपोर्ट के मुताबिक एशियाई देशो में मांग में तेज गिरावट की वजह से पश्चिम देशों में महामारी के दौरान सोने की खरीद का असर खत्म हो गया। काउसिंल के मुताबिक इससे संकेत भी मिला है कि महामारी के दौरान ठोस सोने में निवेश को लेकर दुनिया के अलग अलग हिस्सों में निवेशकों ने अलग-अलग प्रतिक्रिया दी है। वहीं पहले 6 महीने के दौरान ज्वैलरी की मांग करीब आधी होकर 572 टन रह गई। कोरोना संकट की वजह से दुनिया भर में मंदी और प्रतिबंधों का असर मांग पर पड़ा इसमें भी दूसरी तिमाही के दौरान असर ज्यादा व्यापक रहा, जब ज्वैलरी की मांग 251 टन के स्तर पर आ गई। इस दौरान बैंको ने भी सोने की खरीद को लेकर खास रुचि नहीं दिखाई। दुनिया भर केंद्रीय बैंकों ने पिछले साल के मुकाबले इस तिमाही में 39 फीसदी कम सोना खरीदा। वहीं केंद्रीय बैंकों के द्वारा खरीद काफी केंद्रित रही। यानि कुछ ही बैंकों ने अपने रिजर्व में सोना जोड़ा. वहीं कुछ इससे दूर ही रहे।

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