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Emission Scandal: भारत में फॉक्‍सवैगन के तीन मॉडल हुए टेस्ट में फेल, सरकार देगी नोटिस

टेस्टिंग एजेंसी एआरएआई ने फॉक्‍सवैगन के सड़क पर चलने वाले तीन मॉडल के वाहनों के उत्‍ससर्जन स्‍तर में प्रयोगशाला जांच के मुकाबले उल्‍लेखनीय अंतर पाया है।

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नई दिल्‍ली। भारत सरकार आज फॉक्‍सवैगन ग्रुप ऑफ कंपनीज को कारण बताओ नोटिस जारी करेगी। यह बात बुधवार को भारी उद्योग मंत्रालय के अतिरिक्‍त सचिव अंबुज शर्मा ने कही। टेस्टिंग एजेंसी एआरएआई ने सड़क पर चलने वाले तीन मॉडल के वाहनों के उत्‍ससर्जन स्‍तर में प्रयोगशाला जांच के मुकाबले उल्‍लेखनीय अंतर पाया है। प्रयोगशाला जांच में कम उत्‍सर्जन दिखाया गया है, जबकि सड़क पर चलने वाले यह वाहन तय सीमा से अधिक उत्‍सर्जन कर रहे हैं। उत्‍सर्जन का यह फर्क कंपनी के डीजल मॉडल जेट्टा, ऑडी ए4 और वेंटो में पाया गया है।

अंबुज शर्मा ने बताया कि एआरएआई ने सड़क पर चलने वाले वाहनों के उत्‍सर्जन स्‍तर में प्रयोगशाला जांच के मुकाबले काफी अंतर पाया है। इस पर आज कंपनी को टेक्‍नीकल इनपुट के साथ उनकी स्थिति से अवगत कराया जाएगा और कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा। कंपनी को नोटिस को जवाब देने के लिए 15-21 दिन का समय दिया जाएगा। शर्मा ने कहा कि हमें उम्‍मीद है कि फॉक्‍सवैगन का जवाब विस्‍तृत टेक्‍नीकल इनपुट्स के साथ इस माह के अंत तक आ जाएगा।

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अमेरिका और अन्‍य देशों में फॉक्‍सवैगप द्वारा इमीशन टेस्‍ट में की गई गड़बड़ी का पता चलने के बाद देश की प्रमुख जांच एजेंसी एआरएआई ने भारत में फॉक्‍सवैगन इमीशन स्‍टैंडर्ड की जांच शुरू की थी। इसी जांच के बाद यह रिपोर्ट भारी उद्योग मंत्रालय को सौंपी गई है। एआरएआई ने अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को मंगलवार को सौंपी थी। ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया अनुसंधान एवं विकास, परीक्षण, प्रमाणीकरण तथा वाहन से जुड़े नियमनों के मामले में तकनीकी विशेषज्ञता उपलब्ध कराती है।

अंबुज शर्मा ने आगे कहा कि यदि भारत में कंपनी पर किसी भी गड़बड़ी का आरोप सिद्ध हो जाता है, तो दुनिया की इस सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी को यहां आपराधिक मुकदमे, जुर्माना और व्‍हीकल रिकॉल का सामना करना पड़ सकता है। फॉक्‍सवैगन ने कहा है कि दुनियाभर में 1.1 करोड़ डीजल वाहन ऐसे हैं, जिनमें सॉफ्टवेयर का इस्‍तेमाल कर इमीशन टेस्‍ट पास कराए गए हैं। कंपनी पर अमेरिका ने 18 अरब डॉलर का जुर्माना लगाया है।

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