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Hindi News पैसा बिज़नेस केजी-डी6 की मदद से देश का गैस उत्पादन कोविड-19 के पूर्व के स्तर पर पहुंचा

केजी-डी6 की मदद से देश का गैस उत्पादन कोविड-19 के पूर्व के स्तर पर पहुंचा

रिलायंस-बीपी ने 18 दिसंबर को एशिया की सबसे गहरी परियोजना आर-क्लस्टर से उत्पादन की घोषणा की थी। यह उन तीन गहरे समुद्र की परियोजनाओं में से है जिनका विकास दोनों कंपनियों पूर्वी अपतटीय ब्लॉक में कर रही हैं।

<p>गैस उत्पादन कोविड 19...- India TV Paisa Image Source : AP गैस उत्पादन कोविड 19 के पहले के स्तर पर

नई दिल्ली। देश में प्राकृतिक गैस का उत्पादन इस सप्ताह कोविड-19 के पूर्व के स्तर पर पहुंच गया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज और उसकी भागीदार बीपी पीएलसी द्वारा केजी-डी6 क्षेत्र की आर-श्रृंखला क्षेत्र से उत्पादन शुरू करने की वजह से कुल प्राकृतिक गैस उत्पादन बढ़ा है। हाइड्रोकॉर्बन महानिदेशालय (डीजीएच) ने बृहस्पतिवार को ट्वीट किया, ‘‘देश का घरेलू गैस उत्पादन 27 दिसंबर, 2020 को कोविड-19 के पूर्व के स्तर 8.11 करोड़ घन मीटर (एमएससीएमडी) पर पहुंच गया है। एक मार्च, 2020 यह 7.78 करोड़ घनमीटर था।’’

डीजीएच ने कहा कि 2021 के कैलेंडर साल में उत्पादन का स्तर ऊंचा रहेगा। नवंबर में भारत ने 233.1 करोड़ मानक घनमीटर गैस का उत्पादन किया था। माह के दौरान प्रतिदिन गैस का उत्पादन 7.77 करोड़ घनमीटर रहा था। यह पिछले साल के समान महीने से 9.1 प्रतिशत कम था। पेट्रोलियम मंत्रालय की योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) के अनुसार उत्पादन में गिरावट की प्रमुख वजह निजी क्षेत्र के परिचालन वाले फील्ड से उत्पादन में कमी आना था। डीजीएच के एक अधिकारी ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की ओएनजीसी और ऑयल इंडिया का उत्पादन स्तर नवंबर के समान ही रहा है। कुल प्राकृतिक गैस उत्पादन में बढ़ोतरी की वजह से केजी-डी6 ब्लॉक के आर-श्रृंखला के क्षेत्रों से उत्पादन शुरू होना है। रिलायंस-बीपी ने 18 दिसंबर को एशिया की सबसे गहरी परियोजना आर-क्लस्टर से उत्पादन की घोषणा की थी। यह उन तीन गहरे समुद्र की परियोजनाओं में से है जिनका विकास दोनों कंपनियों पूर्वी अपतटीय ब्लॉक में कर रही हैं।

आर क्लस्टर करीब 5 मिलियन स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर का उत्पादन कर रहा है, जो कि अगले वित्त वर्ष में अपने 12.9 मिलियन स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर की अधिकतम उत्पादन क्षमता तक पहुंच सकता है। देश में गैस के सबसे बड़े उपभोक्ता में फर्टिलाइजर प्लांट (33 फीसदी), पावर यूनिट्स ( 18 फीसदी), शहरो में गैस वितरण (18 फीसदी) और रिफायनरी (13 फीसदी) शामिल है।

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