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आईपीओ के लिए कंपनियों की कतार, पर मिल नहीं रहे रिटेल और एचएनआई खरीदार

इस हफ्ते इंडिगो और एस एच केलकर का आईपीओ आएगा। लेकिन, इसको ठंडा रेस्पॉन्स मिल सकता है। दरअसल रिटेल और एचएनआई निवेशक आईपीओ में रुचि नहीं ले रहे हैं।

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नई दिल्ली। इनिशियल पब्लिक ऑफर (आईपीओ) बाजार में इस समय रौनक है और इशू लाने के लिए कंपनियों की कतार लगी हुई है। लेकिन, मुख्य रूप से आईपीओ में निवेश के लिए सिर्फ संस्थागत निवेशक ही उत्साह दिखा रहे हैं। रिटेल निवेशक और उच्च आय वर्ग वाले निवेशक (एचएनआई) आईपीओ में रूचि नहीं दिखा रहे हैं। इस हफ्ते दो आईपीओ आने हैं। इनमें एयरलाइन कंपनी इंडिगो की मूल कंपनी इंटरग्लोब एविएशन और इत्र बनाने वाली कंपनी एस एच केलकर का आईपीओ शामिल हैं।

रिटेल निवेशक और एचएनआई नहीं कर रहे आईपीओ में निवेश

इससे पिछले दो इशू कॉफी डे और प्रभात डेयरी में रिटेल निवेशकों के लिए आरक्षित शेयर भी पूरा सब्सक्राइब नहीं हुए थे। कॉफी डे के मामले में तो एचएनआई और यहां तक कि उसके कर्मचारियों के लिए आरक्षित शेयर भी पूरी तरह सब्सक्राइब नहीं हो पाया था। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, दोनों ही आईपीओ संस्थागत निवेशकों की मजबूत प्रतिक्रिया की वजह से सफल रहे थे।

ज्यादातर ब्रोकरेज कंपनियां और निवेश बैंकर निवेशकों को आगामी आईपीओ में निवेश करने की सलाह दे रहे हैं। हालांकि, वे इस तथ्य को लेकर सतर्क हैं कि हाल के इशू में खुदरा निवेशकों ने उत्साह नहीं दिखाया था।

कुछ ने इस बात को स्वीकार किया कि ज्यादा कीमत की वजह से खुदरा निवेशक इन इशू से दूर रह सकते हैं। उन्होंने इसके लिए प्रमोटर्स और मौजूदा प्राइवेट इक्विटी निवेशकों को दोष दिया।

इंटरग्लोब और एस एच केलकर का आईपीओ इस हफ्ते

इंटरग्लोब का आईपीओ 27 अक्तूबर को खुलेगा। कंपनी का आईपीओ के जरिए 3,000 करोड़ रुपए जुटाने का इरादा है। एस एच केलकर का 500 करोड़ रुपए का आईपीओ 28 अक्तूबर को खुलेगा।

कैफे कॉफी और प्रभात डेयरी को मिला ठंडा रेस्पॉन्स

कैफे कॉफी डे रेस्तराओं की श्रृंखला का परिचालन करने वाली कॉफी डे एंटरप्राइजेज का 1,150 करोड़ रुपए का आईपीओ 16 अक्तूबर को बंद हुआ था। इसके लिए 1.82 गुना सब्सक्रिप्शन मिला था। हालांकि खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित शेयर सिर्फ 90 फीसदी सब्सक्रिप्शन हो पाया था। वहीं कर्मचारियों के लिए आरक्षित शेयरों के लिए 86 फीसदी आवेदन मिला था। वहीं प्रभात डेयरी का आईपीओ 4 सितंबर को बंद हुआ। इसमें भी रिटेल निवेशकों के खंड सिर्फ 34 प्रतिशत सब्सक्रिप्शन ही मिला।

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