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गूगल ने लॉन्‍च किया एक नया एप, जो स्‍मार्टफोन कोडिंग सिखाने में करेगा मदद

नए लोगों को अपने स्‍मार्टफोन पर कोडिंग सीखने में मदद करने के लिए सर्च इंजन गूगल ने एक नया लर्न-टू-कोड एप लॉन्‍च किया है। गूगल ने इसे ग्रासहॉपर नाम दिया है।

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नई दिल्‍ली। नए लोगों को अपने स्‍मार्टफोन पर कोडिंग सीखने में मदद करने के लिए सर्च इंजन गूगल ने एक नया लर्न-टू-कोड एप लॉन्‍च किया है। गूगल ने इसे ग्रासहॉपर नाम दिया है। ग्रासहॉपर को कोड बनाने वालों के एक दल ने प्रयोगात्‍मक प्रोडक्‍ट्स के लिए गूगल की प्रयोगशाला- एरिया 120 में तैयार किया है।

गूगल ने अपने एक ब्‍लॉग पोस्‍ट में कहा है कि कोडिंग एक जरूरी कौशल बन गया और हम हर किसी के लिए इसे सीखना संभव बनाना चाहते हैं, चाहे वे अपने जीवन में व्यस्त ही क्यों ना हों। बयान में कहा गया है कि हमने ग्रासहॉपर को फोन में डाला है ताकि आप जब यात्रा कर रहें हो या लाइन में खड़े अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं तो उस क्षण को सीखने के काम में लगा सकें।

ग्रासहॉपर एप अब दुनिया भर में आईओएस और एंड्रॉयड दोनों पर उपलब्ध है। इस एप में कई पाठ्यक्रम दिए गए हैं, जिसकी मदद से आसानी से कोडिंग सीखी जा सकती है। टेक क्रंच के मुताबिक, गूगल का उद्देश्‍य कोडर्स को बेसिक और प्रमुख कॉन्‍सेप्‍ट में सक्षम बनाना है ताकि वे अपनी कोडिंग शिक्षा में अगला कदम उठा सकें।

अभी तक एरिया 120 एडीवीआर- वर्चुअल रियल्टी के लिए एक एडवर्टाइजिंग फॉरमेट, पर्सनल स्‍आइलिस्‍ट टैलर, इमोजी मैसेंजर सुपरसोनिक, बांग्‍लादेश में जॉब-मैचिंग सर्विस, एप्‍वाइंटमेंट्स नामक बुकिंग टूल और यूट्यूब को-वॉचिंग एप अपटाइम जैसे इन्‍नोवेशन को जारी कर चुकी है।  

यह नई एप कई कोर्सों की पेशकश करती है, इसकी शुरुआत फंडामेंटल्‍स से होती है, जहां यूजर्स यह सीखते हैं कि कोड कैसे काम करते हैं। ग्रासहॉपर में दो और पाठ्यक्रम हैं जहां कोडर्स डी3 लाइब्रेरी का उपयोग करते हुए शेप बनाना सीखते हैं और बाद में डी3 का उपयोग करते हुए और जटिल फंक्‍शन बनाने के बारे में सीखते हैं।

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