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Hindi News पैसा बिज़नेस पराठा खाना हो जाएगा महंगा, लिफाफा बंद पराठों पर लगेगा 18 प्रतिशत GST

पराठा खाना हो जाएगा महंगा, लिफाफा बंद पराठों पर लगेगा 18 प्रतिशत GST

चपाती, रोटियां (फुल्का) और पराठे एक दूसरे से काफी मिलते-जुलते हैं इनको बनाने या पकाने की विधि के अलावा उपयोग और उपभोग का तरीका भी एक समान है।

लिफाफा बंद पराठों पर लगेगा 18 प्रतिशत GST, ARR का फैसला- India TV Paisa Image Source : PIXABAY लिफाफा बंद पराठों पर लगेगा 18 प्रतिशत GST, ARR का फैसला

अहमदाबाद: लिफाफा बंद पराठों पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगने वाला है। अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग (एएआर) की गुजरात बेंच ने इसपर फैसला सुनाते हुए कहा कि लिफाफा बंद पराठों पर 18 फीसदी का वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) दर लागू होगी। यह निर्णय अहमदाबाद स्थित ब्रांडेड पराठों के निर्माता, वाडीलाल इंडस्ट्रीज के एक तर्क के खिलाफ गया है। चूंकि रोटियां एचएसएन कोड 1905 के तहत 5 प्रतिशत जीएसटी के अधीन हैं- वही पराठों पर भी लागू होनी चाहिए। चपाती, रोटियां (फुल्का) और पराठे एक दूसरे से काफी मिलते-जुलते हैं इनको बनाने या पकाने की विधि के अलावा उपयोग और उपभोग का तरीका भी एक समान है। पिछले साल जून में, टाइम्स ऑफ इंडिया ने AAR की कर्नाटक पीठ द्वारा दिए गए इसी तरह के एक फैसले के बारे में बताया था जिसके बाद ट्विटर पर हैशटैग #HandsoffPorotta काफी ट्रेंड किया था।

किसपर कितना GST लगता है?

दूध, दही, पनीर- रोजमर्रा के इस्‍तेमाल की कई चीजों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है, जो चीजें जीएसटी के दायरे से बाहर हैं। उनमें बटर मिल्क, सब्जियां, फल, ब्रेड, अनपैक्‍ड फूडग्रेन्‍स, गुड़, दूध, अंडा, दही, लस्‍सी, अनपैक्‍ड पनीर, अनब्रांडेड आटा, अनब्रांडेड मैदा, अनब्रांडेड बेसन, प्रसाद, काजल, फूलभरी झाड़ू और नमक शामिल हैं। फ्रेश मीट, फिश, चिकन पर भी जीएसटी नहीं है.बच्चों के काम की चीजें और न्यूज पेपर- बच्‍चों के ड्राइंग और कलरिंग बुक्‍स और एजुकेशन सर्विसेज पर भी जीएसटी नहीं देना पड़ता है।

मिट्टी की मूर्तियों, न्यूज पेपर, खादी स्टोर से खादी के कपड़ें खरीदने पर कोई टैक्स नहीं लगता है। साथ ही हेल्‍थ सर्विसेज को भी सरकार ने जीरो फीसदी जीएसटी के दायरे में रखा है। सैनेटरी नैपकिन, स्टोन, मार्बल, राखी, साल के पत्ते, लकड़ी से बनी मूर्तियां और हैंडीक्राफ्ट आइटम्स पर भी जीरो फीसदी जीएसटी है। इसके अलावे फ्रोजेन सब्जियों पर से टैक्स बीते साल हटा लिया गया था। ये प्रोडक्ट्स अब जीरो फीसदी टैक्स के दायरे में आ गए हैं। संगीत से जुड़ी किताबों पर भी जीरो फीसदी GST हैं।

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