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Hindi News पैसा बिज़नेस लगातार चौथे दिन घटे पेट्रोल-डीजल के दाम, 2020-21 में 3.8% बढ़ेगी ईंधन की मांग

लगातार चौथे दिन घटे पेट्रोल-डीजल के दाम, 2020-21 में 3.8% बढ़ेगी ईंधन की मांग

पेट्रोलियम मंत्रालय का अनुमान है कि अप्रैल से शुरू होने जा रहे अगले वित्त वर्ष में भारत में पेट्रोलियम ईंधन की मांग 3.8 प्रतिशत बढ़ेगी।

Petrol,diesel prices down for fourth consecutive day; Fuel demand will increase by 3.8% in 2020-21- India TV Paisa Petrol,diesel prices down for fourth consecutive day; Fuel demand will increase by 3.8% in 2020-21

नई दिल्‍ली। दुनियाभर में कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों से कच्‍चे तेल की खपत पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है, जिसका असर इसकी कीमतों पर भी दिखाई पड़ रहा है। वैश्विक स्‍तर पर कच्‍चे तेल की कीमतों में गिरावट आने के साथ ही घरेलू बाजार में मंगलवार को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भी कमी दिखाई दी। मंगलवार को पेट्रोल की कीमत में 5 पैसे, जबकि डीजल की कीमत में 8 पैसे प्रति लीटर की कटौती हुई है।

3 मार्च को दिल्‍ली में पेट्रोल-डीज की कीमत क्रमश: 5 पैसे और 7 पैसे घटी है। इसके बाद इनकी नई कीमत क्रमश: 71.44 रुपए और 64.03 रुपए प्रति लीटर हो गई है। मुंबई में भी पेट्रोल-डीजल की कीमत में क्रमश: 5 पैसे और 8 पैसे प्रति लीटर की गिरावट आई है और इसके बाद नई कीमत क्रमश: 77.13 रुपए और 67.05 रुपए प्रति लीटर हो गई है।  

कोलकाता में भी पेट्रोल 5 और डीजल 7 पैसे घटकर क्रमश: 74.11 रुपए और 66.36 रुपए प्रति लीटर है। चेन्‍नई में पेट्राल 5 पैसे घटकर 74.23 रुपए प्रति लीटर और डीजल 8 पैसे घटकर 67.57 रुपए प्रति लीटर हो गया।

ईंधन की मांग में 2020-21 में 3.8 % की वृद्धि का अनुमान

पेट्रोलियम मंत्रालय का अनुमान है कि अप्रैल से शुरू होने जा रहे अगले वित्त वर्ष में भारत में पेट्रोलियम ईंधन की मांग 3.8 प्रतिशत बढ़ेगी। चालू वित्त वर्ष में इसकी वृद्धि छह साल के न्यूनत स्तर पर चल रही है। मंत्रालय के पेट्रोलियम नियोजन एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार 2020-21 में पेट्रोलियम उत्पादों की मांग 22 करोड़ 27 लाख 90 हजार टन रहने का अनुमान है। चालू वित्त वर्ष में यह मांग 21.6 करोड़ टन रह सकती है।

पीपीएसी के अनुसार इस माह समाप्त हो रहे चालू वित्त वर्ष 2019-20 में पेट्रोलियम ईंधन की मांग में केवल 1.3 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है, जो छह साल की न्यूनत वृद्धि दर होगी। अगले वित्त वर्ष डीजल के उपभोग में सुधार होने और 2.8 प्रतिशत वृद्धि के साथ इसके 8.66 करोड़ टन रहने का अनुमान है। चालू वित्त वर्ष में डीजल उपभोग में मात्र 0.9 प्रतिशत की वृद्धि की संभावना है।

इसी तरह पेट्रोल का उपभोग अगले वित्त वर्ष में 8.4 की वृद्धि के साथ 3.343 करोड़ टन तक पहुंच सकता है। इस साल पेट्रोल के उपभोग में पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 9 प्रतिशत वृद्धि रहने का अनुमान है। इसी तरह रसोई गैस का उपभोग अनुमानित 5 प्रतिशत बढ़ कर 2.8 करोड़ टन रहेगा। आर्थिक गतिविधियों में नरमी से ईंधन की खपत पर असर पड़ता है। चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि पांच प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह 11 साल की न्यूनतम वृद्धि दर है। 

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