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Hindi News पैसा बिज़नेस प्रधानमंत्री की वित्तीय क्षेत्र के नियामकों के साथ बैठक, अर्थव्यवस्था की रफ्तार बढ़ाने पर हुई चर्चा

प्रधानमंत्री की वित्तीय क्षेत्र के नियामकों के साथ बैठक, अर्थव्यवस्था की रफ्तार बढ़ाने पर हुई चर्चा

निर्मला सीतारमण, नितिन गडकरी, पीयूष गोयल सहित RBI, SEBI, IRDA के प्रमुख हुए बैठक में शामिल

<p><span lang="EN-US" style="font-size: 14.0pt;...- India TV Paisa Image Source : PTI PM meets financial regulators 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वित्तीय क्षेत्र के नियामकों के साथ अर्थव्यवस्था को लेकर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कोविड- 19 संकट से प्रभावित अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने और उसकी रफ्तार बढ़ाने को लेकर विभिन्न उपायों पर चर्चा की। सूत्रों के अनुसार बैठक में मंदी की तरफ बढ़ रही अर्थव्यवस्था को फिर से वृद्धि के रास्ते पर लाने में विभिन्न नियामकों खासतौर से रिजर्व बैंक द्वारा उठाये जा सकने वाले कदमों पर चर्चा की गई। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास, सेबी के चेयरमैन अजय त्यागी, बीमा क्षेत्र के नियामक इरडा के चेयरमैन एस सी खुंतिया और पेंशन कोष नियामक, पीएफआरडीए के चेयरमैन सुप्रतिम बंद्योपाध्याय इस बैठक में शामिल थे। इनके अलावा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी इस बैठक में मौजूद थे। तीन घंटे लंबी चली इस वर्चुअल बैठक में वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भी उपस्थित थे। यह बैठक ऐसे समय हुई है जब अगले सप्ताह रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक भी होने वाली है। रिजर्व बैंक इससे पहले हुई दो समीक्षा बैठकों में कर्ज सस्ता करने की दिशा में कदम उठाते हुये मुख्य नीतिगत दर रेपो में 1.15 प्रतिशत की कटौती कर चुका है।

 

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के ताजा अनुमान के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था में चालू वित्त वर्ष के दौरान 4.5 प्रतिशत गिरावट आने का अनुमान है। बैठक में कोविड- 19 के बाद की दुनिया से निपटने और आत्मनिर्भर भारत के उद्देश्यों को हासिल करने में मदद के लिये नियामकीय उपायों पर भी चर्चा हुई। यह गौर करने वाली बात है कि रिजर्व बैंक ने फरवरी के बाद से अर्थव्यवस्था में गतिविधियों को बढ़ाने और उसे सहारा देने के लिये कई कदम उठाये हैं। इस दौरान प्रमुख ब्याज दर में बड़ी कटौती की गई और नकदी बढ़ाने के अनेक उपाय किये गये। प्रधानमंत्री द्वारा अर्थव्यवस्था को कोरोना के झटके से उबारने के लिये मई में घोषित 20.97 लाख करोड़ रुपये के पैकेज में करीब 40 प्रतिशत हिस्सा रिजर्व बैंक द्वारा किये गये तरलता बढ़ाने के उपायों का है। पूंजी बाजार नियामक सेबी, बीमा नियामक इरडा और पेंशन क्षेत्र के नियामक पीएफआरडीए ने भी अपने अपने क्षेत्र में उद्योगों और आम लोगों को राहत पहुंचाने के कई उपाय किये हैं। सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान कोविड- 19 के बाद नियामकों के समक्ष आने वाली चुनौतियों पर भी इस दौरान विचार किया गया। यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब सरकार अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ाने के लिये वित्तीय प्रोत्साहनों की एक और किस्त जारी करने पर विचार कर रही है। प्रधानमंत्री ने इससे पहले बुधवार को बैंक प्रमुखों के साथ भी बैठक की। इस दौरान उन्होंने बैंकरों को कर्ज वृद्धि को बेहतर बनाये रखने और अनुकूल प्रस्तावों को एनपीए बनने की आशंका में वापस नहीं लौटाने पर जोर दिया।

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