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PM मोदी ने राज्‍य सरकारों से कहा, GST को समय पर लागू करने की व्‍यवस्‍था अविलंब करें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राज्‍य सरकारों से कहा कि वे 1 जुलाई से GST लागू करने की विधायी व्‍यवस्‍था अविलंब करें।

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नई दिल्‍ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राज्‍य सरकारों से कहा कि वे 1 जुलाई से GST लागू करने की विधायी व्‍यवस्‍था अविलंब करें। नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की तीसरी बैठक की समाप्ति के अवसर पर PM मोदी ने राज्‍यों, स्‍थानीय सरकारों और एनजीओ (गैर-सरकारी संगठनों) से 2022 के लक्ष्‍य निर्धारित करने और इसे प्राप्‍त प्राप्‍त करने के लिए मिशन मोड में काम करने के लिए कहा।

आधिकारिक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री ने इस बात को दोहराया कि GST  के लिए राज्‍य स्‍तर की व्‍यवस्‍था बिना विलंब के होनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने अपने उद्धाटन भाषण में कहा था कि वस्‍तु एवं सेवा कर (GST) पर बनी सहमति ‘एक राष्‍ट्र, एक आकांक्षा और एक दृढ़ संकल्‍प’ की भावना को प्रदर्शित करता है। यह भी पढ़ें : प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यों से की अपील, इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर डेवलपमेंट की बढ़ाएं रफ्तार

GST 1 जुलाई से लागू होना है। इसके लागू होने के बाद VAT, सर्विस टैक्‍स, केंद्रीय उत्‍पाद शुल्‍क और अन्‍य स्‍थानीय शुल्‍क समाप्‍त हो जाएंगे। संसद में पहले ही GST से जुड़े अन्‍य बिल पारित किए जा चुके हैं और अब राज्‍य सरकारों को अपना अलग-अलग कानून पारित करना है ताकि इसे इसे आसानी से लागू किया जा सके। यह भी पढ़ें : सरकार का 40 प्रतिशत बुआई क्षेत्र को बीमा के दायरे में लाने का लक्ष्य, किसानों को नुकसान से बचाने की कवायद

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकारी खरीद में भ्रष्टाचार कम करने, पारदर्शिता बढ़ाने के लिए राज्य सरकारों को सरकारी ई-मार्केटप्लेस का उपयोग करना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि भीम, आधार जैसी तकनीकों के उपयोग से राज्यों को बड़ी बचत होगी। जिला खनिज, CAMPA और विनिर्माण कर्मचारी कल्‍याण जैसे फंड राज्‍यों के संसाधन में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, इसे देखते हुए प्रधानमंत्री ने नीति आयोग से ऐसे फंड के राज्‍यों द्वारा बेहतर इस्‍तेमाल करने का रोडमैप तैयार करने को कहा।

बजट पेश करने की तारीख में बदलाव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जब हमारे देश में कृषि आय महत्वपूर्ण है, तो ऐसे में संबंधित वर्ष की कृषि आय की प्राप्ति के बाद तुंरत बजट तैयार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष जनवरी से दिसंबर किये जाने का सुझाव है। बयान के अनुसार, उन्होंने राज्यों से इस संदर्भ में पहल करने को कहा।

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