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कोरोना की जंग में फिर चला देशी दिमाग, पुणे का स्टार्टअप रोकेगा अस्पतालों में वायरस का प्रसार

जल्द अस्पतालों के कमरों और वार्ड में लगाए जाएंगे 1000 उपकरण

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नई दिल्ली। कोरोना से जारी जंग में भारतीय इनोवेटर काफी अहम भूमिका निभा रहे हैं। इसी कड़ी में पुणे के एक स्टार्टअप ने एक खास तकनीक ईजाद की है जो कोरोना सहित दूसरे वायरस के मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों और नर्सों को सुरक्षा देगा। माना जा रहा है कि ये तकनीक डॉक्टरों और स्टाफ को सुरक्षित रखने में मदद करेगी और कोरोना से जारी जंग में हेल्थ सिस्टम मजबूती के साथ खड़ा रहेगा।

ये सिस्टम किसी बंद कमरे में वायरस का स्तर सिर्फ एक घंटे के अंदर काफी निचले स्तर तक ला सकता है। इस तकनीक का इस्तेमाल ऐसे कमरों में किए जाने की योजना है जिसमें कोरोना संक्रमित या संदिग्धों को रखा गया है। वायरस का लोड कम होने से अस्पताल के स्टाफ और डॉक्टरों के संक्रमित होने का खतरा काफी कम हो जाएगा। ये तकनीक इसलिए मददगार साबित हो सकती है क्योंकि इससे इलाज करने वाले डॉक्टरों और स्टाफ की सेहत पर असर नहीं पड़ेगा और वो मरीजों की देखभाल कर सकेंगे। यूरोपीय देशों में हालात इसलिए बिगड़ी है क्योंकि मरीजों के साथ डॉक्टरों के बीमार पड़ने से बड़ी संख्या में हेल्थ वर्कर को सिस्टम से हटाना पड़ गया था।   

इस तकनीक को कई लैब में जांचा गया है, तकनीक एक बार में कमरे में स्थित 99 फीसदी वायरस को खत्म करने में सक्षम है. इसके साथ ही ये कई अन्य हानिकारक तत्लों को भी खत्म कर सकती है। 

ये तकनीक डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के निधि प्रयास योजना के अंतर्गत विकसित की गई है। डीएसटी ने उत्पाद को बनाने के लिए शुरूआती मदद के रूप में 1 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं। उम्मीद है कि जल्द ही ऐसे 1000 जेनरेटर अस्पतालों के कमरों में लगा दिए जाएंगे। पुणे स्थित JCLEAN WEATHER TECH इस प्रोडक्ट को बना रही है।

 

 

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