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DBT से सरकार को हुई 58,000 करोड़ रुपए की बचत, लाभार्थियों के सीधे बैंक खाते में जाती है सब्सिडी

सरकार ने विभिन्न सब्सिडी कार्यक्रमों में लाभान्वितों को पैसा सीधे उनके बैंक खाते में डालने की योजना DBT के जरिए अब तक 58,000 करोड़ रुपए की बचत की है।

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नई दिल्ली। सरकार ने विभिन्न सब्सिडी कार्यक्रमों में लाभान्वितों को पैसा सीधे उनके बैंक खाते में डालने की योजना के जरिए अब तक 58,000 करोड़ रुपए से अधिक की बचत की है। सरकार प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के जरिये लाभार्थियों को पैसा सीधे उनके बैंक खातों में डालती है।

केंद्रीय इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स व आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज यहां एक कार्यक्रम में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार गरीब व वंचित लोगों को लाभान्वित करने हेतु बदलावों के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रही है। मंत्री ने कहा, हमने गरीबों व वंचितों के लिए जनधन खाते खोले। हमने उन्हें आधार व मोबाइल फोन से जोड़ा तथा गैस सब्सिडी, राशन सब्सिडी, केरोसीन सब्सिडी व खाद्य सब्सिडी सीधे उनके बैंक खातों में डालनी शुरू की। हमने 58,000 करोड़ रुपए की बचत की है, जो कि बिचौलियों की जेब में जाते थे।

उन्होंने कहा कि 58,000 करोड़ रुपए की यह राशि किसी का निजी धन नहीं है बल्कि करदाताओं से मिला धन है, जिसकी बचत की जानी चाहिए और डिजिटल गवर्नेंस से यह हो रहा है। डीबीटी पहल की सफलता का जिक्र करते हुए प्रसाद ने कहा कि सरकार ने अब तक तीन करोड़ फर्जी गैस कनेक्शनों का खुलासा किया है और इसी तरह 2.7 करोड़ फर्जी राशन कार्ड रद्द किए गए हैं।

प्रसाद ने कहा कि विभिन्न योजनाओं व सेवाओं को सम्बद्ध करने का फायदा गरीबों व वंचितों को हुआ है। मंत्री ने पुष्टि की कि ड्राइविंग लाइसेंस को आधार कार्ड से जोड़ने के लिए हाल ही में चर्चा हुई थी। उन्होंने कहा, हम मोटर वाहन ड्राइविंग लाइसेंस को आधार से जोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था अगले 5-7 साल में 1000 अरब डॉलर की होगी। आलोचनाओं का जिक्र करते हुए प्रसाद ने कहा-जो आलोचना करते हैं वो आलोचना करते रहें। हम अपना काम करते रहेंगे।

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