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Hindi News पैसा बिज़नेस आज होने वाली GST काउंसिल की बैठक में हो सकता है हंगामा, राजस्‍व में कमी और राज्‍यों को क्षतिपूर्ति पर होगी चर्चा

आज होने वाली GST काउंसिल की बैठक में हो सकता है हंगामा, राजस्‍व में कमी और राज्‍यों को क्षतिपूर्ति पर होगी चर्चा

जीएसटी कानून के तहत राज्यों को माल एवं सेवा कर के क्रियान्वयन से राजस्व में होने वाले किसी भी कमी को पहले पांच साल तक पूरा करने की गारंटी दी गयी है।

Stormy GST Council meet in offing; revenue shortfall, compensation to be discussed- India TV Paisa Image Source : GST COUNCIL Stormy GST Council meet in offing; revenue shortfall, compensation to be discussed

नई दिल्‍ली। जीएसटी परिषद की गुरुवार को होने वाली बैठक हंगामेदार हो सकती है। गैर-भाजपा शासित राज्य, माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने के कारण राजस्व में हुए नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र पर वादे के अनुसार क्षतिपूर्ति देने को लेकर दबाव बनाने हेतु पूरी तरह से एकजुट हैं। सूत्रों के अनुसार जीएसटी परिषद की 41वीं बैठक वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिये होगी। बैठक का एकमात्र एजेंडा राज्यों के राजस्व में कमी की भरपाई है। बैठक में जिन विकल्पों पर विचार किया जा सकता है, उनमें बाजार से कर्ज, उपकर की दर में वृद्धि या क्षतिपूर्ति उपकर के दायरे में आने वाले वस्तुओं की संख्या में वृद्धि, शामिल हैं।

सूत्रों ने कहा कि कपड़ा और जूता-चप्पल जैसे कुछ उत्पादों पर उल्टा शुल्क ढांचा यानी तैयार उत्पादों के मुकाबले कच्चे माल पर अधिक दर से कराधान को ठीक करने पर भी चर्चा होने की संभावना है। कोविड-19 संकट ने राज्यों की वित्तीय समस्याएं बढ़ा दी हैं। बैठक से पहले विपक्षी दलों के राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने बुधवार को इस मामले में साझा रणनीति तैयार करने के लिए  डिजिटल तरीके से बैठक की। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जीएसटी परिषद की बैठक में कैसा माहौल होगा, उसका एक तरह से संकेत दे दिया है। उन्होंने विपक्षी दलों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में बुधवार को आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से माल एवं सेवा कर से जुड़ा मुआवजा देने से इनकार करना राज्यों और जनता के साथ छल है।

बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी शामिल हुए। गांधी ने बैठक में कहा कि हमें केंद्र सरकार के खिलाफ साथ मिलकर काम करना और लड़ना होगा। केरल, पंजाब और बिहार जैसे राज्य पहले ही कह चुके हैं कि जीएसटी लागू होने के पांच साल तक राज्यों को अगर राजस्व कुछ भी नुकसान होता है, तो केंद्र इसकी भरपाई के लिए नैतिक रूप से बंधा हुआ है। इससे पहले, महान्यायवादी के के वेणुगोपाल ने कहा था कि केंद्र, राज्यों को जीएसटी राजस्व में किसी प्रकार की कमी को पूरा करने के लिए कानूनी रूप से बाध्य नहीं है।

सूत्रों ने पूर्व में कहा था कि वेणुगोपाल की राय के बाद राज्यों को राजस्व की भरपाई के लिए  बाजार से कर्ज लेने पर गौर करना पड़ सकता है। इस बारे में जीएसटी परिषद अंतिम निर्णय करेगा। केंद्र सरकार ने मार्च में महान्यावादी से क्षतिपूर्ति कोष में कमी को पूरा करने के लिए जीएसटी परिषद द्वारा बाजार से कर्ज लेने की वैधता पर राय मांगी थी। क्षतिपूर्ति कोष का गठन लग्जरी और अहितकर वस्तुओं पर अतिरिक्त शुल्क लगाकर किया गया है। इसके जरिये राज्यों को जीएसटी लागू करने से राजस्व में होने वाली किसी भी कमी की भरपाई की जाती है।

जीएसटी कानून के तहत राज्यों को माल एवं सेवा कर के क्रियान्वयन से राजस्व में होने वाले किसी भी कमी को पहले पांच साल तक पूरा करने की गारंटी दी गयी है। जीएसटी एक जुलाई, 2017 से लागू हुआ। कमी का आकलन राज्यों के जीएसटी संग्रह में आधार वर्ष 2015-16 के तहत 14 प्रतिशत सालाना वृद्धि को आधार बनाकर किया जाता है। जीएसटी परिषद को यह विचार करना है कि मौजूदा हालात में राजस्व में कमी की भरपाई कैसे हो। केंद्र ने 2019-20 में जीएसटी क्षतिपूर्ति मद में 1.65 लाख करोड़ रुपए जारी किए। हालांकि उपकर संग्रह से प्राप्त राशि 95,444 करोड़ रुपए ही थी।

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