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नोटबंदी में भारतीयों ने कालेधन को कहीं विदेशों में ठिकाने तो नहीं लगाया? करीब 7 गुना बढ़ी हैं विदेश यात्राएं

नोटबंदी के दौरान 4.62 लाख खाते ऐसे हैं जिनमें 25 लाख या इससे ज्यादा रकम जमा हुई है। 23.87 लाख खाते ऐसे हैं जिनमें 5 लाख या इससे ज्यादा पैसे जमा हुए हैं।

नोटबंदी में भारतीयों ने कालेधन को कहीं विदेशों में ठिकाने तो नहीं लगाया? करीब 7 गुना बढ़ी हैं विदेश यात्राएं- India TV Paisa नोटबंदी में भारतीयों ने कालेधन को कहीं विदेशों में ठिकाने तो नहीं लगाया? करीब 7 गुना बढ़ी हैं विदेश यात्राएं

नई दिल्ली। नोटबंदी के दौरान कालाधन रखने वालों ने कहीं अपना काला पैसा विदेशों में ठिकाने तो नहीं लगाया? यह सवाल तब उठ रहा है जब नोटबंदी के दौरान भारतीयों की विदेश यात्राओं में कई गुना बढ़ोतरी दर्ज की गई है। नवंबर 2016 से लेकर जनवरी 2017 के दौरान विदेश यात्राओं में हुई भारी बढ़ोतरी पर टैक्स अधिकारियों की नजर गई है और अधिकारी यह जानने में लगे हुए हैं कि विदेश यात्राओं के जरिए भारतीयों ने अपने पैसे को विदेशों में ठिकाने तो नहीं लगाया है?

8 नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा की गई थी और सरकार ने देशवासियों को पुराने नोट जमा कराने के लिए 50 दिन का समय दिया था। सरकार की जन समयसीमा दी हुई थी उसके दौरान टैक्स अधिकारियों ने कालेधन को सफेद बनाने में लगे कई लोगों को पकड़ा भी था। लेकिन विदेश यात्राओं को लेकर सवाल नहीं उठे। लेकिन अब सवाल उठने लगे हैं, क्योंकि नोटबंदी के दौरान देश में जहां लोगों के पास खर्च करने के लिए नकदी नहीं थी तो ऐसे समय में किसी के पास विदेश घूमने लायक ज्यादा पैसा कहां से आ सकता है। नवंबर से जनवरी के दौरान विदेश यात्राओं के आंकड़े काफी चौंकाने वाले हैं।

नवंबर 7 गुना और दिसंबर में 6 गुना ज्यादा विदेश यात्राएं

आंकड़ों के मुताबिक नवंबर 2016 में भारतीयों ने विदेश यात्राओं पर 24.66 करोड़ डॉलर खर्च किए हैं जबकि 2015 के नवंबर में सिर्फ 3.62 करोड़ खर्च किए थे, यानि पिछले साल के मुकाबले करीब 7 गुना ज्यादा पैसा खर्च किया गया है। दिसंबर के आंकड़े भी काफी चौंकाने वाले हैं, आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर में भारतीयों ने विदेश यात्राओं पर 20.1 करोड़ डॉलर का खर्च किया है जो दिसंबर 2015 में हुए खर्च के मुकाबले 6 गुना से भी अधिक है। इस साल जनवरी में भी भारतीयों ने विदेश यात्राओं पर 21.78 करोड़ डॉलर का खर्च किया है जो 2016 के जनवरी में हुए खर्च के मुकाबले 5 गुना से भी अधिक है।

कहीं कालेधन को सफेद बनाने के लिए तो नहीं हुई विदेश यात्रा?

भारतीय रिजर्व बैंक की लिब्रलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम के तहत भारतीय विदेशों में ट्रेवलर चेक के जरिए सालभर में करीब 2.5 डॉलर खर्च कर सकते हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि नोटबंदी के दौरान विदेश यात्राओं के जरिए कालाधन रखने वालों ने रिजर्व बैंक की इस छूट का फायदा उठाकर कहीं कालेधन को सफेद तो नहीं किया है? जब नोटबंदी के दौरान कालाधन रखने वाले कई लोग अपने कालेधन को सफेद करने में कई तरह के हथकंडे अपना रहे थे तो टैक्स अधिकारियों ने विदेशों के ट्रेवलर चेक के कई मामले भी पकड़े थे। कई मामलों में कालाधन रखने वालों ने अपने खातों में मोटी रकम जमा कराई थी और बाद में उस रकम को फोरेन कंट्री ट्रेवलर चेक में तब्दील किया था। इस तरह के हजारों मामले भी सामने आए थे जिनके जरिए लोगों ने 1 लाख रुपए से ज्यादा की रकम वाले क्रेडिट कार्ड बिल जमा कराए थे। टैक्स अधिकारी इस तरह के मामलों की जांच में जुए गए हैं।

नोटबंदी के दौरान लाखों खातों में लाखों रुपए हुए जमा

नोटबंदी के दौरान भारी संख्या में लोगों ने अपने खातों में पैसा जमा कराया है। आंकड़ों के मुताबिक 4.62 लाख खाते ऐसे हैं जिनमें 25 लाख रुपए या इससे ज्यादा रकम जमा हुई है। इसके बाद करीब 23.87 लाख खाते ऐसे हैं जिनमें 5 लाख रुपए या इससे ज्यादा पैसे जमा कराए गए हैं।

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