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Hindi News पैसा बिज़नेस मानसून में देरी से देश में होगी 'महंगाई की बारिश', खाने-पीने के सामान की कीमतों पर दिख सकता है अल-नीनो का असर: रिपोर्ट

मानसून में देरी से देश में होगी 'महंगाई की बारिश', खाने-पीने के सामान की कीमतों पर दिख सकता है अल-नीनो का असर: रिपोर्ट

भारत में अभी तक बारिश सामान्य से 53 प्रतिशत कम हुई है। केरल जहां से देश में मानसून प्रवेश करता है, वहां पर भी सामान्य से काफी कम बारिश रिकॉर्ड की गई है।

हर साल मानसून आमतौर पर इस समय करीब आधे भारत को अपने आगोश में ले लिया करता था।लेकिन इस बार मानसून रें- India TV Paisa Image Source : FILE केरल जहां से देश में मानसून प्रवेश करता है, वहां पर भी सामान्य से काफी कम बारिश रिकॉर्ड की गई है।

हर साल मानसून आमतौर पर इस समय करीब आधे भारत को अपने आगोश में ले लिया करता था।लेकिन इस बार मानसून (Monsoon) रेंग रेंग कर आगे बढ़ रहा है। अब तक मानसून की सामान्य बारिश (Monsoon Rain) के मुकाबले आधी बारिश ही हुई है। इतना ही नहीं, केरल (Kerala) जहां से देश में मानसून प्रवेश करता है, वहां पर भी सामान्य से काफी कम बारिश रिकॉर्ड की गई है। मानसून की ये देरी खरीफ के मौसम की बुवाई (Khareef Sowing) पर भी असर डाल रही है। यदि मानसून की गति जल्द न सुधरी तो भारत में महंगाई का नया दौर शुरू हो सकता है। जर्मनी की ब्रोकरेज फर्म डॉयचे बैंक ने कहा कि मानसून आने में देरी होने से काबू में आती दिख रही मुद्रास्फीति में तेजी आ सकती है। 

मानसून में देरी से भड़केगी महंगाई की आग

डॉयचे बैंक ने एक रिपोर्ट में कहा कि भारत में अभी तक बारिश सामान्य से 53 प्रतिशत कम हुई है। इसके अलावा जुलाई में आम तौर पर खाद्य उत्पादों के दाम बढ़ते रहे हैं। ऐसी स्थिति में मुद्रास्फीति के मोर्च पर ढिलाई बरतने की कोई भी गुंजाइश नहीं है। ब्रोकरेज फर्म ने वित्त वर्ष 2023-24 में मुद्रास्फीति के 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। वहीं रिजर्व बैंक का अनुमान 5.1 प्रतिशत मुद्रास्फीति का है। उसने कहा कि चालू वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति पांच प्रतिशत या उससे नीचे तभी रह सकती है जब जुलाई एवं अगस्त के महीनों में खाद्य उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी न हो। 

अल-नीनो की मजबूती करेगी इकोनॉमी को कमजोर

रिपोर्ट के मुताबिक, अल-नीनो के हालात बनने और मानसून आने में देरी होने से हालात मुद्रास्फीति के नजरिये से चिंताजनक हो सकते हैं। देश भर में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगमन में विलंब होने से खरीफ सत्र की फसलों की बुवाई देर से हुई है। हाल ही में जारी आंकड़ों के मुताबिक, मई महीने में खुदरा मुद्रास्फीति के साथ थोक मुद्रास्फीति में भी गिरावट आई है। 

उत्तर पश्चिम भारत में अगले हफ्ते भारी बारिश का अलर्ट

मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के लिए राहत की खबर दी है। बिपरजॉय के राजस्थान में आने के बाद इसका असर यूपी और मध्य प्रदेश में दिखेगा। 20 जून को दोनों राज्यों के कुछ हिस्सों में बारिश का अनुमान जताया गया है।  उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में भी अगले हफ्ते के अंत तक तेज बारिश की संभावना है। चक्रवात के राजस्थान पहुंचने के चलते वहां के कई स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है और 18 और 19 जून को दक्षिण-पश्चिम राजस्थान में भारी बारिश की संभावना है। अगले 5 दिनों के दौरान पूर्वोत्तर भारत और पश्चिम बंगाल और सिक्किम में मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है। असम और मेघालय में भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।  हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ स्थानों पर तेज बारिश हो सकती है।

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