A
Hindi News पैसा बिज़नेस ये है भारत का सबसे ज्यादा ‘अनुशासनहीन’ शहर, इंफोसिस के फाउंडर ने सुनाया मजेदार किस्सा

ये है भारत का सबसे ज्यादा ‘अनुशासनहीन’ शहर, इंफोसिस के फाउंडर ने सुनाया मजेदार किस्सा

मैं उदाहरण देकर समझाता हूं। कल मैं हवाई अड्डे से आ रहा था, लाल बत्ती पर इतनी सारी कारें, बाइक और स्कूटर बिना कोई परवाह किए यातायात नियम का उल्लंघन कर रहे थे।

Narayan Murthi- India TV Paisa Image Source : FILE Narayan Murthi

देश की राजधानी दिल्ली के बारे में आपने कई अच्छ बुरे बयान सुने होंगे। इसी क्रम में एक ताजा बयान इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति का आया है। नारायण मूर्ति ने दिल्ली को देश का सबसे अनुशासनहीन शहर बताया है। इंफोसिस का इशारा दिल्ली की सड़कों के बेतरतीब ट्रैफिक और रेडलाइड जंप जैसे मामलों की ओर था। 

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यातायात नियमों के उल्लंघन का उदाहरण देते हुए इन्फोसिस के संस्थापक एन.आर.नारायण मूर्ति ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली आना उन्हें सुविधाजनक नहीं लगता, क्योंकि यह एक ऐसा शहर है जहां पर अनुशासनहीनता सबसे ज्यादा है। ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन (एआईएमए) के स्थापना दिवस पर मूर्ति ने कहा कि जनता को सामुदायिक संपत्ति का उपयोग निजी संपत्ति से भी बेहतर ढंग से करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे सार्वजनिक शासन में झूठ, फरेब से बचा जा सकेगा। 

सुनाया ये रोचक किस्सा 

नारायण मूर्ति ने एक किस्सा सुनाते हुए कहा कि दिल्ली आने पर मुझे वास्तव में बहुत असुविधा होती है क्योंकि यह एक ऐसा शहर है जहां अनुशासनहीनता सर्वाधिक है। मैं उदाहरण देकर समझाता हूं। कल मैं हवाई अड्डे से आ रहा था, लाल बत्ती पर इतनी सारी कारें, बाइक और स्कूटर बिना कोई परवाह किए यातायात नियम का उल्लंघन कर रहे थे। मूर्ति ने कहा, हम आगे बढ़ने के लिए अगर एक या दो मिनट का इंतजार तक नहीं कर सकते तो बताईये क्या ये लोग पैसा सामने होने पर रुकेंगे? बिलकुल नहीं।

कॉरपोरेट जगत को दिया मंत्र

मूर्ति ने कॉरपोरेट जगत में सही मूल्यों के विकास पर भी जोर दिया। इन्फोसिस के संस्थापक ने कहा, ‘‘कृत्रिम मेधा (एआई) ने सहायक प्रौद्योगिकियों की भूमिका में आकर हमारे जीवन को आसान बनाया है। मेरे खयाल से यह मानना गलत है कि कृत्रिम मेधा इंसानों की जगह ले सकती है, इंसान ऐसा होने नहीं देगा क्योंकि उनके पास मस्तिष्क की ताकत है। हम जानते हैं कि कोई भी कंप्यूटर बच्चे के दिमाग की बराबरी नहीं कर सकता, कई बार इस बारे में प्रयोग हो भी चुके हैं।’’

Latest Business News