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Rupay डेबिट कार्ड से इंश्योरेंस क्लेम कैसे करें? यहां जानें स्टेप-बाय-स्टेप प्रॉसेस

रुपे डेबिट कार्ड अलग-अलग कवर कवरेज प्रदान करता है। इंश्योरेंस क्लेम, घटना के 90 दिनों के भीतर बीमाकर्ता को करना जरूरी है।

Rupay Debit Card - India TV Paisa Image Source : FILE रुपे ​डेबिट कार्ड

Rupay डेबिट कार्ड इस्तेमाल करने वाले तेजी से बढ़े हैं। अगर आप भी रुपे डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो यह खबर आपके लिए है। आपको बता दें कि रुपे डेबिट कार्ड पर आपको मुफ्त में इंश्योरेंस कवर मिलता है। हालांकि, यह समझना बहुत जरूरी है कि डेबिट कार्ड पर मिलने वाला इंश्योरेंस जीवन बीमा या स्वास्थ्य बीमा नहीं होता, बल्कि व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा होता है। यह कवरेज किसी दुर्घटना से मृत्यु या पूर्ण विकलांगता की स्थिति में प्रदान किया जाता है। आइए जानते हैं कि कैसे इसका लाभ ले सकते हैं। 

रुपे कार्ड के प्रकार

  1. क्लासिक कार्ड: यह कार्ड कोई इंश्योरेंस कवरेज प्रदान नहीं करता है। 
  2. प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) कार्ड: पुराना पीएमजेडीवाई कार्ड (28 अगस्त 2018 से पहले जारी): ₹1 लाख तक का कवरेज प्रदान करता है। नया पीएमजेडीवाई कार्ड (28 अगस्त 2018 के बाद जारी): ₹2 लाख तक का कवरेज प्रदान करता है।
  3. प्रीमियम कार्ड: प्लैटिनम कार्ड: ₹2 लाख तक का कवरेज प्रदान करता है।
  4. सलेक्ट रूपे कार्ड: ₹10 लाख तक का कवरेज प्रदान करता है।

एलिजिबिलिटी : अगर आपके पास एक कार्ड है जो बीमा कवरेज प्रदान करता है, तो आप बिना किसी प्रीमियम का भुगतान किए बीमा लाभ के लिए पात्र हैं। 

क्लेम कैसे करें?

बैंक शाखा में जाएं: अपनी बैंक शाखा में जाएं, जहां से आपने रुपे कार्ड लिया है। इंश्योरेंस क्लेम करने के लिए आपको एक फॉर्म भना होगा।  वैकल्पिक रूप से, आप rupay@newindia.co.in पर एक ईमेल भेजकर ऑनलाइन का विकल्प चुन सकते हैं। ईमेल के साथ सभी आवश्यक दस्तावेज संलग्न जरूर करें। इसके अलावा, ईमेल की फोटोकॉपी करना और इसे न्यू इंडिया एश्योरेंस को ऑफलाइन कूरियर जरूर करें। 

क्लेम की समय सीमा: दुर्घटना के 90 दिनों के भीतर क्लेम करना जरूरी है। ऐसे मामलों में जहां कार्डधारक लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती रहता है, क्लेम तब भी कर सकता है जब वह ऐसा करने में सक्षम हो। यानी 90 दिन की अवधि के बाद भी वह क्लेम कर सकता है। 

पेपर वेरिफिकेशन: एक बार क्लेम की सूचना दिए जाने के बाद, बीमा कंपनी मामले की जांच के लिए तीन दिन के अंदर एक जांच अधिकारी नियुक्त करेगी और 30 दिन के अंदर रिपोर्ट तैयार करेगी। अगर पेपर जमा करने में कोई देरी होती है, तो न्यू इंडिया एश्योरेंस द्वारा 60 और 81 दिनों के बाद रीमाइंडर भेजा जाएगा। जांच पूरी होने और पेपर वेरिफिकेशन होने पर, दावा राशि 10 दिनों के भीतर एनईएफटी के माध्यम से खाते में जमा कर दी जाती है। 

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