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Hindi News पैसा बिज़नेस LIC के IPO लॉन्च होने की डेट हो गई फाइनल! अब देर मत कीजिए, पैसे का कर लीजिए इंतजाम

LIC के IPO लॉन्च होने की डेट हो गई फाइनल! अब देर मत कीजिए, पैसे का कर लीजिए इंतजाम

सरकार के पास सेबी के पास जमा कराए गए दस्तावेज के तहत 12 मई तक आईपीओ लाने का समय है। अगर सरकार 12 मई तक आईपीओ नहीं ला पाती है, तो उसे दिसंबर तिमाही के नतीजे बताते हुए सेबी के पास नए कागजात दाखिल करने होंगे।

<p>LIC IPO</p>- India TV Paisa Image Source : FILE LIC IPO

Highlights

  • सरकार मार्च में ही एलआईसी का आईपीओ लाने की तैयारी में थी
  • रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध से बाजार में अस्थिरिता बढ़ने से फैसला टालना पड़ा
  • एलआईसी के पॉलिसी होल्डर को आईपीओ में छूट देने का फैसला किया गया है

नई दिल्ली। इंतजार की घड़ी खत्म होने वाली है! जीवन बीमा कंपनी अपना आईपीओ इस महीने के अंत तक बाजार में ला सकती है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, एलआईसी अपना आईपीओ 25 से 29 अप्रैल के बीच ला सकती है। उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार एलआईसी के आईपीओ के लिए बाजार नियामक सेबी के पास बुधवार यानी 13 अप्रैल को अपना UDRHP (अपडेटेड ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रोसपेक्टस) फाइल कर सकती है। गौरतलब है कि सरकार मार्च में ही एलआईसी का आईपीओ लाने की तैयारी में थी लेकिन रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध से बाजार में बड़ी गिरावट आने के बाद यह फैसला टाल दिया गया था। 

सरकार के पास 12 मई तक का समय 

सरकार के पास सेबी के पास जमा कराए गए दस्तावेज के तहत 12 मई तक आईपीओ लाने का समय है। अगर सरकार 12 मई तक आईपीओ नहीं ला पाती है, तो उसे दिसंबर तिमाही के नतीजे बताते हुए सेबी के पास नए कागजात दाखिल करने होंगे। एलआईसी ने खुदरा निवेशकों के लिए अपने कुल आईपीओ आकार का 35 प्रतिशत तक आरक्षित रखा है। वहीं, एलआईसी के पॉलिसी होल्डर को आईपीओ में छूट देने का फैसला किया गया है। यानी जीवन बीमा होल्डर कम प्राइस में आईपीओ खरीद सकेंगे। 

60 हजार करोड़ जुटाने की तैयारी 

सरकार को एलआईसी के लगभग 31. 6 करोड़ शेयरों या पांच प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री के जरिए आईपीओ के माध्यम से करीब 60,000 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद है। सरकार एलआईसी आईपीओ में अपनी 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी। यह भारतीय स्टॉक मार्केट के इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ होगा। आईपीओ को सफल बनाने के लिए सरकार ने एलआईसी 20 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की अनुमति दी थी। सरकार के इस कदम से देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी के विनिवेश में आसानी होगी।

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