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Hindi News पैसा बिज़नेस RBI MPC: आरबीआई ने रेपो रेट में नहीं किया बदलाव; लोन की ईएमआई रहेगी स्थिर

RBI MPC: आरबीआई ने रेपो रेट में नहीं किया बदलाव; लोन की ईएमआई रहेगी स्थिर

RBI MPC Repo Rate: आरबीआई की ओर से रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया है। यह सातवीं बार है जब रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ है।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास- India TV Paisa Image Source : FILE आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास

RBI MPC: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की ओर से शुक्रवार (05 अप्रैल) को नई मॉनेटरी पॉलिसी का ऐलान किया गया है। दास की ओर से रेपो रेट को यथावत 6.5 प्रतिशत पर रखा गया है। यह सातवीं बार है जब आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। पिछली बार फरवरी 2023 में रेपो रेट को 0.25 प्रतिशत बढ़ाया गया था। बता दें, ब्याज दरों की समीक्षा के लिए आरबीआई एमपीसी की बैठक 3 अप्रैल से 5 अप्रैल के बीच हुई थी, जिसमें 6 सदस्य की एमपीसी में से 5 सदस्यों ने बहुमत के आधार पर ब्याज दरों में बदलाव नहीं का फैसला लिया गया है। 

आरबीआई गवर्नर ने बताया कि मॉनेटरी पॉलिसी को लेकर विथड्रॉल ऑफ अकोमडेशन रुख एमपीसी ने बरकरार रखा है। महंगाई में कमी आ रही है और अर्थव्यवस्था की स्थिति मजबूत नहीं हुई है। रेपो रेट के अलावा एसडीएफ और एमएसएफ में कोई भी बदलवा नहीं किया गया है। इन्हें 6.25 प्रतिशत और 6.75 प्रतिशत पर यथावत रखा गया है। 

7.6 प्रतिशत पर रहेगी रियल जीडीपी ग्रोथ 

दास ने आगे बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 की रियल जीडीपी ग्रोथ 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है। साथ ही बताया कि जीडीपी मजबूत रहने की वजह मैन्यूफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर का मजबूत रहना है। फरवरी और मार्च में पीएमआई 60 के ऊपर रहा है, जो कि 16 वर्षों का उच्चतम स्तर है। 

अर्थव्यवस्था की स्थिति मजबूत

वहीं, रियल जीडीपी ग्रोथ 7 प्रतिशत पर बने रहने की उम्मीद है। पहले यह 6.9 प्रतिशत था। गवर्नर ने कहा कि ग्रामीण के साथ शहरी क्षेत्रों में खपत मजबूत बनी हुई है। रबी सीजन में बंपर पैदावार होने के चलते महंगाई में कमी आ सकती है। हालांकि, वैश्विक चुनौतियां और सामान्य के अधिक तापमान रहने के कारण कुछ चुनौतियां जरूर आएंगी। 

वित्त वर्ष 2025 के लिए महंगाई का अनुमान

वित्त वर्ष 2025 में महंगाई दर 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में महंगाई दर 4.9 प्रतिशत रही सकती है।  वहीं, दूसरी तिमाही में इसके 3.8 प्रतिशत, तीसरी तिमहाी में 4.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। 

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