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Students को घर बैठे क्लासरूम का मिलेगा फील, न्यू टेक्नोलॉजी इस तरह बदल देगी पठन-पाठन की दुनिया

अब वो दिन दुर नहीं जब स्टूडेंट्स (Students) घर से क्लासरूम (Classroom) में बैठकर पढ़ाई करेंगे। अगर आपको ये ख्याली पुलाव लगता है तो आपको एक बार वेब 3.0 टेक्नोलॉजी के बारे में जान लेना चाहिए।

Students को घर बैठे...- India TV Paisa Image Source : INDIA TV Students को घर बैठे क्लासरूम का मिलेगा फील

Technology: अब वो दिन दुर नहीं जब स्टूडेंट्स (Students) घर से क्लासरूम (Classroom) में बैठकर पढ़ाई करेंगे। अगर आपको ये ख्याली पुलाव लगता है तो आपको एक बार वेब 3.0 टेक्नोलॉजी के बारे में जान लेना चाहिए। इसके अंतर्गत आने वाला मेटावर्स (Metaverse) इसी पर काम करने जा रहा है। इसके चालू हो जाने से पठन-पाठन के अब तक चले आ रहे सभी तौर तरीके बदल जाएंगे। यह न केवल भारत बल्कि विश्व के सभी देशों की तस्वीर बदल कर रखा देगा। भारत में ऐसे शैक्षणिक कार्यक्रमों को उद्योग जगत के प्रमुख भागीदारों और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (IIT) के साथ मिलकर टाइम्सप्रो द्वारा विकसित किया जा रहा है।

सर्टिफिकेट भी किया जाएगा जारी

न्यू ऐज टेक्नोलॉजी आधारित विभिन्न पाठ्यक्रमों को पूरा करने वाले छात्रों को आईआईटी रोपड़, आईआईटी रुड़की जैसे संस्थान सर्टिफिकेट जारी करेंगे। खास बात यह है कि टेक्नोलॉजी आधारित कई पाठ्यक्रमों को डिजाइन करने और इनकी ट्रेनिंग में भी आईआईटी फैकेल्टीज की भूमिका है।

इंटरनेट के लिए गेम चेंजर साबित होगी ये तकनीक

टेक्नोलॉजी के पक्ष को उजागर करते हुए फिक्की ईवाई की 2022 की रिपोर्ट ने वेब 3.0 टेक्नोलॉजी को इंटरनेट के लिए गेम चेंजर बताया है। यह 2032 तक भारत की जीडीपी में लगभग 1.1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर जोड़ सकता है। इसमें इस बात का भी जिक्र किया गया है कि आने वाले समय में मेटावर्स काफी विकसित होगा, कई तरह के बदलावों की अगुवाई करेगा, उपभोक्ताओं के अनुभव को बेहतर बनाएगा।

विद्यार्थियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए तैयार होगा पाठ्यक्रम

विद्यार्थियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए इस नई टेक्नोलॉजी पर आधारित पाठ्यक्रम तैयार किए जाएंगे। मेटावर्स में इंटरैक्टिव अनुभव के माध्यम से वेब 3.0 लर्निंग इनीशिएटिव की शुरूआत की गई है। भारत में इस पहल का उद्देश्य विभिन्न प्रकार की वेब 3.0 टेक्नोलॉजी में अत्याधुनिक कार्यक्रमों के माध्यम से सबसे बेहतर गुणवत्ता वाली आधुनिक एवं नए जमाने की शिक्षा उपलब्ध कराना है, जिसमें ब्लॉकचेन, क्रिप्टो करेंसी, मेटावर्स, एनएफटी इत्यादि शामिल हैं।

अलग-अलग प्रोग्राम की होगी शुरुआत

इसके लिए विभिन्न आईआईटी के सहयोग से वेब 3.0 के साथ शुरूआत, ब्लॉकचेन फंडामेंटल्स तथा सॉलिडिटी एवं एथेरियम स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स के साथ-साथ ब्लॉकचेन, फिनटेक में सर्टिफिकेट प्रोग्राम के अलावा तकनीकी शिक्षार्थियों के कौशल को बढ़ाने के लिए ब्लॉकचेन डेवलपर प्रोग्राम पेश किया जाएगा। जिन्हें विद्यार्थी अपनी सहूलियत के अनुसार एक समय-सीमा में सीख सकते हैं।

एक उभरती हुई टेक्नोलॉजी है वेब 3.0

हायर एडटेक प्लेटफॉर्म टाइम्सप्रो के सीईओ अनीश श्रीकृष्ण ने कहा कि यह एक उभरती हुई टेक्नोलॉजी है। हमने फुल स्टैक, साइबर सुरक्षा, एआई, बिग डेटा, क्लाउड कंप्यूटिंग जैसे क्षेत्रों में कई प्रमुख कार्यक्रम पेश किए हैं। नए जमाने के और कौशल विकसित करने वाले कार्यक्रमों को प्रस्तुत करने के लिए देश के अग्रणी आईआईटी, शिक्षाविदों और उद्योग जगत के दिग्गजों के साथ साझेदारी की गई है।

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