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Hindi News पैसा बिज़नेस Budget 2024 : वापस हो गोल्ड इंपोर्ट पर बढ़ा टैक्स, पैन कार्ड ट्रांजेक्शन की लिमिट बढ़े, रत्न एवं आभूषण इंडस्ट्री ने रखी ये मांगें

Budget 2024 : वापस हो गोल्ड इंपोर्ट पर बढ़ा टैक्स, पैन कार्ड ट्रांजेक्शन की लिमिट बढ़े, रत्न एवं आभूषण इंडस्ट्री ने रखी ये मांगें

रत्न एवं आभूषण इंडस्ट्री ने गोल्ड इंपोर्ट पर बढ़ा शुल्क वापस लेने की मांग की है। इंडस्ट्री ने एक तर्कसंगत टैक्स स्ट्रक्चर लागू करने का अनुरोध किया है। वित्त मंत्री 1 फरवरी को देश का बजट पेश करेंगी।

सोने के आयात पर टैक्स- India TV Paisa Image Source : FILE सोने के आयात पर टैक्स

Budget 2024 : रत्न एवं आभूषण उद्योग ने सोने के आयात पर बुनियादी सीमा शुल्क (BCD) में की गई बढ़ोतरी को अंतरिम बजट में वापस लेने का अनुरोध किया है। इस इंडस्ट्री ने एक तर्कसंगत टैक्स स्ट्रक्चर लागू करने की मांग की है। उद्योग निकाय ऑल इंडिया जेम एंड ज्वेलरी डोमेस्टिक काउंसिल के चेयरमैन संयम मेहरा ने कहा, ‘‘आभूषण उद्योग भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में करीब सात प्रतिशत का योगदान देता है। लिहाजा यह एक व्यापार-अनुकूल माहौल का हकदार है।’’ मेहरा ने कहा, ‘‘इससे सरकार को भी फायदा होगा। हम वित्त मंत्रालय से आगामी केंद्रीय बजट में सोने पर बढ़ी हुई बीसीडी को वापस लेने का आग्रह करते हैं। इसके अलावा, एक तर्कसंगत टैक्स स्ट्रक्चर भी विकसित किया जाना चाहिए।’’

बढ़े पैन कार्ड ट्रांजेक्शन की लिमिट

उन्होंने कहा कि फिलहाल यथामूल्य पर 12.5 प्रतिशत बीसीडी लगता है, जिससे आयातित सोने पर कुल टैक्स 18.45 प्रतिशत हो जाता है। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि सोने की कीमतें बढ़ने के कारण पैन कार्ड लेनदेन की सीमा को मौजूदा दो लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये किया जाए।

बहाल हो EMI की सुविधा

मेहरा ने कहा, ‘‘सोने की कीमत बढ़ने के साथ पैन कार्ड लेनदेन की सीमा को दो लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने की जरूरत है। इसके साथ ही दैनिक खरीद सीमा को भी बढ़ाकर एक लाख रुपये करने की जरूरत है।’’ इसके अलावा जीजेसी ने रत्न एवं आभूषण उद्योग के लिए ईएमआई की सुविधा भी बहाल करने की सिफारिश की है।

एक फरवरी को पेश होगा बजट

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को आम बजट पेश करेंगी। यह आम चुनावों वाला साल है। इसलिए इस बार पूर्ण बजट के बजाय अंतरिम बजट पेश होगा। जो नई सरकार चुनकर आएगी, उसकी पूर्ण बजट पेश करने की जिम्मेदारी होगी। आम चुनावों वाला साल होने के कारण इस बार इकोनॉमिक सर्वे भी नहीं आएगा।

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