मुंबई। विश्व स्वर्ण परिषद (WGC) का मानना है कि वस्तु एवं सेवा कर (GST) की वजह से देश में लघु अवधि में सोने की मांग प्रभावित हो सकती है। छोटे स्वर्ण आभूषण कारीगरों और रिटेलरों को इस नई कर व्यवस्था को अपनाने में शुरुआत में दिक्कत आ सकती है।
WGC के निदेशक (मार्केट इंटेलिजेंस) एलिस्टेयर हेविट ने गोल्ड इन्वेस्टर पत्रिका के चौथे संस्करण में कहा है, हमारा मानना है कि लघु अवधि में जीएसटी से उद्योग के समक्ष चुनौतियां आएंगी। लघु स्तर के कारीगरों और खुदरा कारोबारियों के लिए अलग तरह के कर अनुपालन को पूरा करने में दिक्कतें आएंगी।
हेविट ने कहा कि तीन जून को जीएसटी परिषद ने गोल्ड बुलियन और आभूषणों पर तीन प्रतिशत की जीएसटी दर की घोषणा की। स्वर्ण उद्योग ने इसे सकारात्मक तरीके से लिया क्योंकि ऐसी आशंका जताई जा रही थी कि यह दर ऊंची पांच प्रतिशत या उससे ऊपर हो सकती है।
उन्होंने कहा कि हमारे 26 साल के आंकड़ों के शोध से संकेत मिलता है कि इस कर से सोने की मांग प्रभावित होगी। इससे उपभोक्ताओं पर लगने वाली कुल कर दर बढ़ेगी। हेविट ने कहा कि इन अड़चनों के बावजूद WGC का मानना है कि मांग इससे अधिक नीचे नहीं जाएगी क्योंकि पिछले साल इसमें भारी गिरावट आ चुकी है।
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