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Hindi News पैसा बाजार पी-नोट्स के जरिये घरेलू बाजार में निवेश अक्टूबर में बढ़कर 14 माह के उच्चस्तर पर

पी-नोट्स के जरिये घरेलू बाजार में निवेश अक्टूबर में बढ़कर 14 माह के उच्चस्तर पर

पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी-नोट्स) के जरिये निवेश अक्टूबर में बढ़कर 78,686 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। अगस्त, 2019 के बाद पी-नोट्स के जरिये निवेश का यह सबसे ऊंचा स्तर है। अगस्त 2019 में विदेशी निवेशको के जरिए पी-नोट्स से निवेश का आंकड़ा 79,088 करोड़ रुपये रहा था।

<p>पी-नोट्स के जरिए...- India TV Paisa Image Source : GOOGLE पी-नोट्स के जरिए निवेश रिकॉर्ड ऊंचाई पर

नई दिल्ली। कोरोना महामारी के दबाव से भारतीय अर्थव्यवस्था में अनुमान से तेज रिकवरी के संकेतों से घरेलू बाजार विदेशी निवेशकों के लिए आकर्षक हो गए हैं। अक्टूबर के महीने में पी-नोट्स के जरिए घरेलू बाजार में निवेश रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है। सेबी द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक भारतीय बाजार में पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी-नोट्स) के जरिये निवेश अक्टूबर में बढ़कर 78,686 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। यह पी-नोट्स के जरिये निवेश का 14 माह का उच्चस्तर है। बाजार के जानकारों की माने तो वैश्विक स्तर पर लिक्विडिटी की स्थिति अच्छी होने तथा घरेलू मोर्चे पर सरकार द्वारा किए गए उपायों से पी-नोट्स के जरिये निवेश बढ़ा है। पी-नोट्स पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा ऐसे विदेशी निवेशकों को जारी किए जाते हैं, जो पंजीकरण कराए बिना भारतीय शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं। हालांकि, इसके लिए उन्हें जांच-पड़ताल की पूरी प्रक्रिया से गुजरना होता है।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के द्वारा आज जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, पी-नोट्स के जरिये भारतीय बाजारों यानि इक्विटी, बांड और हाइब्रिड सिक्योरिटीज में निवेश अक्टूबर के अंत तक बढ़कर 78,686 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इससे पिछले महीने यानि सितंबर के अंत तक यह 69,821 करोड़ रुपये था। अगस्त, 2019 के बाद पी-नोट्स के जरिये निवेश का यह सबसे ऊंचा स्तर है। अगस्त 2019 में विदेशी निवेशको के जरिए पी-नोट्स से निवेश का आंकड़ा 79,088 करोड़ रुपये रहा था। मार्च के बाद से अगस्त तक पी-नोट्स के जरिए निवेश में लगातार वढ़त देखने को मिली थी। वहीं सितंबर, 2020 में इस मार्ग से निवेश में गिरावट देखने को मिली थी। अगस्त के अंत तक पी-नोट्स के जरिये निवेश 74,027 करोड़ रुपये रहा था। जुलाई में यह 63,228 करोड़ रुपये, जून में 62,138 करोड़ रुपये, मई में 60,027 करोड़ रुपये और अप्रैल में 57,100 करोड़ रुपये रहा था।

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