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Hindi News पैसा मेरा पैसा EPFO ने किया 52 लाख COVID-19 दावों का निपटान, सदस्‍यों को दिए 13,300 करोड़ रुपये

EPFO ने किया 52 लाख COVID-19 दावों का निपटान, सदस्‍यों को दिए 13,300 करोड़ रुपये

ईपीएफओ ने महामारी के दौरान 52 लाख कोविड-19 दावों का निपटान किया है और अपने सदस्यों को 13,300 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराई है।

EPFO settles 52 lakh COVID-19 claims, disburses Rs 13,300 cr- India TV Paisa EPFO settles 52 lakh COVID-19 claims, disburses Rs 13,300 cr

नई दिल्‍ली। रिटायरमेंट फंड बॉडी कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन (EPFO) ने 52 लाख कोविड-19 नॉन-रिफंडेबल एडवांस क्‍लेम का निपटान किया है और अबतक अपने सदस्‍यों को 13,300 करोड़ रुपये की राशि उपलब्‍ध कराई है। श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने बुधवार को यह बात कही। मार्च में सरकार ने ईपीएफओ के 6 करोड़ से अधिक सदस्‍यों को महामारी को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन की अवधि के दौरान अपने ईपीएफ एकाउंट से तीन महीने की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्‍ते के बराबर राशि निकालने की सुविधा प्रदान की थी।

एसोचैम फाउंडेशन वीक कार्यक्रम में बोलते हुए गंगवार ने कहा कि ईपीएफओ ने महामारी के दौरान 52 लाख कोविड-19 दावों का निपटान किया है और अपने सदस्‍यों को 13,300 करोड़ रुपये की राशि उपलब्‍ध कराई है। उन्‍होंने कहा कि देश ने महामारी का सामना बड़े साहस के साथ किया है।

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केंद्र सरकार ने महामारी के दौरान आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की मदद के लिए 26 मार्च को प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण योजना की शुरुआत की थी। ईपीएफ योजना से धन निकासी का प्रावधान किया गया और इसके संबंध में तुरंत अधिसूचना जारी की गई। इस योजना के तहत ईपीएफओ सदस्‍यों को लॉकडाउन के दौरान अपने आवश्‍यक खर्चों की पूर्ति के लिए अपने ईपीएफ खाते से तीन महीने की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्‍ते के बराबर धन की निकासी करने की अनुमति दी गई। यह राशि नॉन-रिफंडेबल है, यानि सदस्‍यों को इसे बाद में लौटाना नहीं है।

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नए श्रम संहिता पर गंगवार ने उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से इंडस्ट्रियल रिलेशन, सोशल सिक्‍यूरिटी और ऑक्‍यूपेशनल हेल्‍थ सेफ्टी एंड वर्किंग कंडीशन पर तीन लेबर कोड पर ड्राफ्ट रूल्‍स पर अपनी प्रतिक्रिया देने को कहा। श्रम मंत्रालय ने इन तीन लेबर कोड्स पर प्रतिभागियों की प्रतिक्रिया प्राप्‍त करने के लिए ड्राफ्ट रूल्‍स को जारी किया है। इन तीनों कोड्स को इस साल संसद के मानसून सत्र में मंजूरी मिली थी।

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वेजन पर श्रम कानून को संसद में 2019 में पारित किया गया था। सरकार सभी चारों श्रम कानूनों को एक साथ पूरे देश में 1 अप्रैल, 2021 से लागू करना चाहती है।

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