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राजस्थान: स्टांप पेपर पर बेच रहे बेटियां, मांओं के साथ रेप, कर्ज नहीं चुकाने पर ऐसी क्रूरता

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भीलवाड़ा में जब भी दोनों पक्षों के बीच कोई विवाद होता है तो वह पुलिस के पास जाने की बजाय इसके समाधान के लिए जाति पंचायतों में जाते हैं। 15 लाख रुपये का कर्ज चुकाने के लिए एक जाति पंचायत ने एक आदमी को पहले अपनी बहन को बेचने के लिए मजबूर किया।

कर्ज चुकाने के लिए...- India TV Hindi Image Source : REPRESENTATIONAL IMAGE कर्ज चुकाने के लिए लड़कियों को नीलाम किया जा रहा है

भीलवाड़ा: राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में कर्ज अदायगी के लिए लड़कियों की नीलामी के आरोपों की जांच के संबंध में शुक्रवार को दो सदस्यीय तथ्यान्वेषी टीम का गठन किया। मीडिया में आई कई खबरों का आयोग ने संज्ञान लिया जिनमें कहा गया है कि भीलवाड़ा में कर्ज अदायगी के विवादों को निपटाने के लिए लड़कियों की नीलामी की जा रही है। खबरों के अनुसार कई मामलों में स्टांप पेपर पर लिखवाकर लड़कियों को वेश्यावृत्ति के लिए बेच दिया जाता है। कुछ मामलों में, विवादों के निपटारे के लिए ‘खाप’ (जाति) पंचायतों के फरमान पर उनकी माताओं के साथ रेप किया जाता है।

आयोग ने इन अपराधों को 'बेहद भयावह और दर्दनाक' बताया
आयोग ने अपने बयान में इन अपराधों को ‘‘बेहद भयावह और दर्दनाक’’ बताया और कहा कि उसने इस मामले पर गौर करने के लिए दो सदस्यीय तथ्यान्वेषी टीम का गठन किया है। NCW की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने राजस्थान के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर तत्काल कार्रवाई की मांग की है। शर्मा ने मुख्य सचिव से आयोग को की गई कार्रवाई से अवगत कराने को भी कहा है। आयोग ने राजस्थान के DGP को तत्काल संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज करने और आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के लिए भी लिखा है।

पत्र की एक प्रति पुलिस अधीक्षक (SP) भीलवाड़ा को भेजी गई है। शीर्ष बाल अधिकार निकाय राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो भी आरोपों की विस्तृत जांच करने के लिए सात नवंबर को भीलवाड़ा जाएंगे। कानूनगो ने कहा कि वह इसमें संलिप्त लोगों और प्रभावित गांवों की जांच करेंगे।

बहन-बेटी को बेचा, फिर भी नहीं चुका पाया कर्ज
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भीलवाड़ा में जब भी दोनों पक्षों के बीच कोई विवाद होता है तो वह पुलिस के पास जाने की बजाय इसके समाधान के लिए जाति पंचायतों में जाते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 15 लाख रुपये का कर्ज चुकाने के लिए एक जाति पंचायत ने एक आदमी को पहले अपनी बहन को बेचने के लिए मजबूर किया और इसके बाद भी जब कर्ज नहीं चुकाया तो उसे अपनी 12 साल की बेटी को बेचने के लिए मजबूर किया गया। खरीदार ने लड़की को 8 लाख रुपये में खरीदा। इसके बाद, सभी गुलाम बन गईं लेकिन फिर भी उनके पिता उसका कर्ज नहीं चुका सके।