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Hindi News राजस्थान सचिन पायलट ने कहा, झूठ फरेब की राजनीति छोड़ किसानों की बात सुने केंद्र सरकार

सचिन पायलट ने कहा, झूठ फरेब की राजनीति छोड़ किसानों की बात सुने केंद्र सरकार

राजस्थान के पूर्व उप मुख्‍यमंत्री सचिन पायलट ने शुक्रवार को केंद्र पर आरोप लगाया कि उसने किसान संगठनों के साथ चर्चा किए बगैर नए कृषि कानून लागू कर दिए।

Sachin Pilot, Sachin Pilot Farm Laws, Sachin Pilot Farmers, Sachin Pilot Modi Government- India TV Hindi Image Source : PTI FILE कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने केंद्र पर आरोप लगाया कि उसने किसान संगठनों के साथ चर्चा किए बगैर नए कृषि कानून लागू कर दिए।

जयपुर: राजस्थान के पूर्व उप मुख्‍यमंत्री सचिन पायलट ने शुक्रवार को केंद्र पर आरोप लगाया कि उसने किसान संगठनों के साथ चर्चा किए बगैर नए कृषि कानून लागू कर दिए। साथ ही उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार से झूठ-फरेब की राजनीति छोड़कर किसानों की बात सुनने की अपील की। पायलट ने दौसा में कहा, ‘राज्य सरकारों व किसान संगठनों से बिना कोई चर्चा किए केंद्र सरकार ने जो 3 कृषि विरोधी कानून पारित किए हैं, उसे लेकर अब भारतीय जनता पार्टी लोगों को साधने की कोशिश कर रही है। केंद्र सरकार को ये पाखंड और झूठ-फरेब की राजनीति बंद कर किसानों की बात सुननी चाहिए।’

‘कृषि कानूनों के खिलाफ एकजुटता दिखाएं देश के लोग’
पायलट ने कहा, ’केंद्र सरकार ने किसानों की अनदेखी करते हुए जो 3 आत्‍मघाती कृषि कानून पारित किए हैं, आज उस चुनौती का सामना पूरा देश व समाज कर रहा है। मैं चाहता हूं कि देश के तमाम लोग इन कानूनों के खिलाफ एकजुटता प्रदर्शित करें।’ उन्‍होंने कहा कि संसद में इन तीनों कानूनों को अलोकतांत्रिक तरीके से पारित कराया गया था और ये कानून किसानों के हितों की रक्षा करने में नाकाम रहेंगे। पायलट ने कहा, ‘चंद पूंजीपतियों को पूरे देश की संपत्ति देने की योजना केंद्र सरकार की है और उसके खिलाफ हम सब साथ खड़े हुए हैं।’

‘मोदी के PM रहते कोई किसानों की जमीन नहीं छीन सकता’
बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि जब तक नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं तब तक कोई कंपनी किसानों से उनकी जमीन नहीं छीन सकती। उन्होंने यह भी कहा कि MSP की व्यवस्था जारी रहेगी और मंडियां बंद नहीं होंगी। इससे पहले पीएम मोदी ने शुक्रवार को 3 कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों और सरकार के बीच जारी गतिरोध के लिए इसकी आड़ में राजनीतिक हित साधने वाले लोगों को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि MSP को लेकर चिंताओं की जगह हिंसा के आरोपियों की रिहाई और राजमार्गों को टोल मुक्त बनाने जैसे असंबद्ध मुद्दे इसमें हावी होने लगे हैं।