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Hindi News धर्म त्योहार Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि पर जलाभिषेक के दौरान इन बातों का रखें खास ध्यान, वरना नहीं मिलेगी महादेव की कृपा, जानें विधि और नियम

Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि पर जलाभिषेक के दौरान इन बातों का रखें खास ध्यान, वरना नहीं मिलेगी महादेव की कृपा, जानें विधि और नियम

Mahashivratri Puja Niyam: महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग की पूजा करते समय इन नियमों का ध्यान जरूर रखें। अन्यथा आपको पूजा का उचित फल प्राप्त नहीं होगा।

Mahashivratri 2024- India TV Hindi Image Source : INDIA TV Mahashivratri 2024

Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि का पावन पर्व आने में अब बस कुछ दिन ही बाकी है। भगवान भोलेनाथ की पूजा के लिए यह तिथि अत्ंयत ही खास माना गया है। कहते हैं कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती कैलाश से धरती पर भ्रमण करने के लिए आते हैं। यही वजह है कि महाशिवरात्रि की पूजा ब्रह्म मुहूर्त से लेकर रात्रि के पहर तक होती है। महादेव और मां गौरी को प्रसन्न करने के लिए भक्तगण पूरे विधि-विधान और सच्चे मन से शिवरात्रि की पूजा और उपवास रखते हैं। महाशिवरात्रि के दिन रुद्राभिषेक का भी विशेष महत्व बताया गया है। तो आज हम आपको बताएंगे कि रुद्राभिषेक या जलाभिषेक करते समय किन बातों का विशेष ध्यान रखना होता है। तो आइए जानते हैं शिवजी की पूजा के नियम और मान्यताओं के बारे में।

रुद्राभिषेक या जलाभिषेक के दौरान इन बातों का रखें ध्यान

  • रुद्राभिषेक या जलाभिषेक करते समय दिशा का खास ख्याल करें। शिवलिंग का जलाभिषेक करते समय दक्षिण दिशा की तरफ खड़े होना चाहिए, जिससे मुख उत्तर दिशा की ओर हो। उत्तर दिशा देवी-देवताओं की मानी जाती है।

  • वहीं शिवजी का जलाभिषेक करते समय पूर्व दिशा की तरफ खड़ा नहीं होना होना चाहिए। इसके अलावा पश्चिम दिशा की ओर खड़े होकर भी शिवलिंग पर जल नहीं चढ़ाना चाहिए। 

  • शिवलिंग पर धीर-धीरे जल अर्पित करना चाहिए। साथ जल चढ़ाते समय शिव मंत्रों का जाप करना शुभ माना जाता है। शिवलिंग पर जल अर्पित करने के लिए चांदी, कांसे और पीतल के लोटे का उपयोग करना चाहिए।

  • शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए तांबे या स्टील आदि लोटे का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। वहीं शिवलिंग पर तुलसी और हल्दी चढ़ाना वर्जित माना गया है तो इसे भूलकर भी शिवजी को अर्पित न करें।

  • शिवलिंग की पूरी परिक्रमा कभी नहीं की जाती है। दरअसल, शिवलिंग पर चढ़ाया गया जल बहुत पवित्र होता है, इसलिए इसे लाघंना शुभ नहीं माना जाता है। कहा जाता है कि शिवलिंग पर जलाभिषेक के बाद जिस स्थान से जल प्रवाहित होता है उसे जलधारी या सोमसूत्र कहा जाता है।

  • इसके साथ ही यह भी कहा जाता है कि जलधारी में माता पार्वती, भगवान गणेश, शिव पुत्री अशोक सुंदरी और कार्तिकेय जी का वास होता है। तो अगर आप शिवलिंग की परिक्रमा कर रहे हैं तो तो जहां से जल बह रहा हो वहीं से वापस घूम जाएं।  

महाशिवरात्रि व्रत 2024 तिथि और पूजा मुहूर्त

पंचांग के मुताबिक, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुदर्शी तिथि के दिन महाशिवरात्रि मनाई जाती है। इस दिन भक्तगण व्रत रख शिवजी और माता पार्वती की पूजा करते हैं। इस साल 8 मार्च को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि का आरंभ 8 मार्च 2024 को रात 9 बजकर 57 मिनट से होगा, जबकि इसका समापन 9 मार्च 2024 को शाम 6 बजकर 17 मिनट पर होगा।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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