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Hindi News खेल क्रिकेट वसीम जाफर के सपोर्ट में उतरे अनिल कुंबले, लगा था मजहब के नाम पर टीम के चयन का आरोप

वसीम जाफर के सपोर्ट में उतरे अनिल कुंबले, लगा था मजहब के नाम पर टीम के चयन का आरोप

भारत के लिए 31 टेस्ट खेलने वाले जाफर ने बुधवार को इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए सफाई दी थी। ऐसे में अब भारतीय पूर्व क्रिकेटर अनिल कुंबले जाफर के सपोर्ट में आए हैं।  

Anil Kumble supported Wasim Jaffer, was accused of selecting the team in the name of religion- India TV Hindi Image Source : GETTY IMAGES / TWITTER -KXIP Anil Kumble supported Wasim Jaffer, was accused of selecting the team in the name of religion

भारतीय पूर्व सलामी बल्लेबाज वसीम जाफर एक बार सुर्खियों में हैं। इस बार उन्होंने अपने मजाकिया ट्वीट के जिरिए सबका ध्यान अपनी और आकर्षित नहीं किया है, बल्कि उनपर आरोप लगाए गए हैं कि उत्तराखंड टीम की कोचिंग के दौरान उन्होंने मजहब के अधार पर टीम का चयन करने की कोशिश की थी और साथ ही यह भी कहा गया था कि जाफर अभ्यास सत्र में मौलवियों को लेकर आए थे। यह सभी आरोप उत्तराखंड क्रिकेट संघ के सचिव माहिम वर्मा ने लगाए हैं।

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भारत के लिए 31 टेस्ट खेलने वाले जाफर ने बुधवार को इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए सफाई दी थी। ऐसे में अब भारतीय पूर्व क्रिकेटर अनिल कुंबले जाफर के सपोर्ट में आए हैं।

जाफर के सपोर्ट में कुंबले ने ट्वीट करते हुए लिखा "वसीम मैं तुम्हारे साथ हूं। तुमने सही काम किया है। खिलाड़ियों के लिए दुर्भाग्य की बात है कि वह तुम्हारे से कोचिंग नहीं ले पाएंगे।"

बता दें, वसीम जाफर ने अपने ऊपर लगे आरोपों की सफाई देते हुए कहा था ‘‘जो कम्युनल एंगल लगाया, वह बहुत दुखद है। उन्होंने आरोप लगाया कि मैं इकबाल अब्दुल्ला का समर्थन करता हूं और उसे कप्तान बनाना चाहता हूं जो सरासर गलत है।’’ 

रणजी ट्रॉफी में सर्वाधिक रन बना चुके जाफर ने इन आरोपों को भी खारिज किया कि टीम के अभ्यास सत्र में वह मौलवियों को लेकर आये थे। 

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उन्होंने कहा ,‘‘उन्होंने कहा कि बायो बबल में मौलवी आये और हमने नमाज पढ़ी। मैं आपको बताना चाहता हूं कि मौलवी, मौलाना जो भी देहरादून में शिविर के दौरान दो या तीन जुमे को आये, उन्हें मैने नहीं बुलाया था।’’ 

जाफर ने कहा,‘‘इकबाल अब्दुल्ला ने मेरी और मैनेजर की अनुमति जुमे की नमाज के लिये मांगी थी।’’ 

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उन्होंने कहा,‘‘हम रोज कमरे में ही नमाज पढ़ते थे लेकिन जुमे की नमाज मिलकर पढ़ते थे तो लगा कि कोई इसके लिये आयेगा तो अच्छा रहेगा। हमने नेट अभ्यास के बाद पांच मिनट ड्रेसिंग रूम में नमाज पढ़ी। यदि यह सांप्रदायिक है तो मैं नमाज के वक्त के हिसाब से अभ्यास का समय बदल सकता था लेकिन मैं ऐसा नहीं हूं। इसमें क्या बड़ी बात है। मेरी समझ में नहीं आया।’’ 

जाफर ने 9 फरवरी को उत्तराखंड के कोचिंग पद से इस्तीफा दिया था। उनका कहना था कि टीम चयन में हस्तक्षेप’ के कारण वह यह पद छोड़ रहे हैं।

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