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Hindi News टेक न्यूज़ Google Chrome में आ रहा है तगड़ा सिक्योरिटी फीचर, आपकी प्राइवेसी और डाटा दोनों ही रहेंगे सेफ

Google Chrome में आ रहा है तगड़ा सिक्योरिटी फीचर, आपकी प्राइवेसी और डाटा दोनों ही रहेंगे सेफ

अगर आप अपने फोन या फिर लैपटॉप में गूगल क्रोम का इस्तेमाल करते हैं तो जल्द ही आपको एक नया फीचर मिलने वाला है। यह अपकमिंग फीचर आपके डेटा के साथ साथ आपके होम नेवटर्क को सुरक्षित करेगा। इससे क्रोम इस्तेमाल करने वाले लाखों लोगों को बड़ी मदद मिलने वाली है।

google chrome, google chrome new security feature,google chrome latest feature- India TV Hindi Image Source : फाइल फोटो गूगल क्रोम में आने वाला है नया सिक्योरिटी फीचर।

अगर आप स्मार्टफोन, लैपटॉप या फिर डेस्कटॉप पर गूगल क्रोम का इस्तेमाल करते हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। गूगल क्रोम दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला ब्राउजर है। यूजर्स के लिए कंपनी समय समय पर नए नए प्राइवेसी और सेफ्टी फीचर्स लाती रहती है। पिछले कुछ दिनों में लगातार तेजी से बढ़ते स्कैम, ऑनलाइन फ्रॉड के मामले को देखते हुए कंपनी अब एक प्लेटफॉर्म में एक नया प्राइवेसी फीचर दे जा रही है जिससे आपका क्रोम ब्राउजर पहले से कहीं ज्यादा सेफ हो जाएगा। 

गूगल के अपकमिंग सिक्योरिटी फीचर का नाम Private Network Access for Navigation Requests है। यह फीचर आपके क्रोम ब्राउजर के होम नेटवर्क की सुरक्षा करेगा ताकि कोई आपके नेटवर्क से जुड़कर उसके साथ छेड़छाड़ न करे। इसका सिक्योरिटी फीचर का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इससे आप अपने डेटा को पहले से कहीं अधिक सेफ रख सकेंगे। 

होम नेटवर्क को सुरक्षित रखेगा नया फीचर

आपको बता दें कि गूगल का यह नया सेफ्टी फीचर लाखों लोगों के लिए काफी काम का साबित होने वाला है। इस सेफ्टी फीचर को XDA डेवलपर्स के द्वारा स्पॉट किया गया है। अगर आप किसी वेबसाइट की ब्राउजिंग करते हैं तो यह फीचर उस वेबसाइट पर मिलने वाले नेविगेशन रिक्वेस्ट को ब्लॉक कर देता है। इस तरह से यह फीचर यूजर्स के होम नेटवर्क को पूरी तरह से सेफ रखता है। 

गूगल क्रोम का यह फीचर एक चेक पॉइंट की तरह काम करता है जो कि आपको किसी ऐसी वेबसाइट पर जाने से रोकता है जिससे आपके डेटा और प्राइवेसी को नुकसान पहुंच सकता है। ये हॉर्मफुल वेबसाइट से मिलने वाले रिक्वेस्ट को पूरी तरह से ब्लॉक कर देता है। Private Network Access फीचर किसी भी वेबसाइट से मिलने वाले रिक्वेस्ट का सबसे पहले ओरिजन पॉइंट को चेक करता है और फिर इस बात की जानकारी लेता है कि वह एक सिक्योर सोर्स है या नहीं। यानी आप कह सकते हैं कि यह वेबसाइट और डिवाइस दोनों को चेक करने का काम करता है। 

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