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Google ने की तैयारी, अब भारत में बनेंगे Pixel स्मार्टफोन, वियतनाम से शिफ्ट होगा प्रोडक्शन यूनिट?

Google अपने Pixel स्मार्टफोन का प्रोडक्शन यूनिट वियतनाम से भारत में शिफ्ट कर सकता है। हाल में आई रिपोर्ट के मुताबिक, इसके लिए गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट Foxconn और Dixon टेक्नोलॉजी से बात कर रही है।

Google Pixel smartphone- India TV Hindi Image Source : FILE गूगल पिक्सल स्मार्टफोन

Apple के बाद Google ने भी भारत को अपना नया प्रोडक्शन हब बनाने का फैसला कर लिया है। अमेरिकी टेक कंपनी अपने Pixel स्मार्टफोन के प्रोडक्शन यूनिट को वियतनाम से भारत में शिफ्ट कर सकती है। पिछले साल अगस्त से ही गूगल भारत में अपने पिक्सल स्मार्टफोन का प्रोडक्शन कर रहा है। कंपनी ने अपने पहले प्रोडक्ट के तौर पर Pixel 8 को भारत में तैयार किया था। इसके अलावा Pixel 8a को भी भारत में ही असेंबल किया गया है। इसके बाद लॉन्च होने वाली Pixel 9 सीरीज के सभी मॉडल भारत में बने हैं।

वियतनाम से शिफ्ट होगा प्रोडक्शन प्लांट

ET की लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका द्वारा वियतनाम पर टैरिफ लगाने के बाद अल्फाबेट अपना ग्लोबल पिक्सल फोन प्रोडक्शन प्लांट भारत में शिफ्ट कर सकता है। हालांकि, गूगल की तरफ से इसे लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। गूगल पिक्सल फोन की सबसे ज्यादा डिमांड अमेरिकी बाजार में कंपनी अपने प्रोडक्शन यूनिट को भारत में शिफ्ट करके इस डिमांड को पूरा कर सकती है ताकि वियतनाम पर से निर्भरता कम हो सके। अमेरिकी ट्रंप सरकार चीन समेत कई देशों पर भारी टैरिफ लगाने वाली है। हालांकि, ट्रंप ने बाद में साफ किया कि स्मार्टफोन, टैबलेट आदि पर रेसिप्रोकल टैरिफ को नहीं लगाया जाएगा।

टैरिफ का होगा असर

भारत में Pixel स्मार्टफोन के प्रोडक्शन को लेकर गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट दो मैन्युफैक्चरिंग पार्टनर Foxconn और Dixon टेक्नोलॉजी से कॉन्ट्रैक्ट की बात कर रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, अल्फाबेट और इन दोनों कंपनियों के बीच पहले राउंड की बातचीत हो चुकी है। इस समय ट्रंप ने वियतनाम पर 46% इंपोर्ट टैरिफ लगाने का फैसला किया है। वहीं, भारत से इंपोर्ट होने वाले प्रोडक्ट पर 26% का टैरिफ लगता है। ऐसे में गूगल को वियतनाम से पिक्सल फोन इंपोर्ट करने पर भारत के मुकाबले लगभग दोगुना टैरिफ देना होगा।

इस टैरिफ वॉर के बीच एप्पल ने इस महीने की शुरुआत में भारत से करीब 600 टन iPhone को अमेरिका ट्रांसपोर्ट किया था। रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने करीब 1.5 मिलियन यानी 15 लाख आईफोन को एयरलिफ्ट किया था। 9 अप्रैल को अमेरिका ने रेसीप्रोकल टैरिफ पर 90 दिनों की रोक लगाई थी।

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