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तेलंगाना में बीजेपी अकेले लड़ेगी लोकसभा चुनाव, किसी भी पार्टी के साथ नहीं करेगी गठबंधन

पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जी.किशन रेड्डी ने शुक्रवार को पार्टी पदाधिकारियों, जिला अध्यक्ष और लोकसभा क्षेत्रों के प्रभारियों के साथ बैठक की। किशन रेड्डी ने दावा किया कि भाजपा के पास तेलंगाना में बढ़ने के बड़े अवसर हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि नतीजे चुनाव सर्वेक्षणों के अनुमान से अधिक होंगे।

बीजेपी - India TV Hindi Image Source : FILE बीजेपी

हैदराबाद: तेलंगाना में विधानसभा चुनाव सम्पन्न होने के बाद अब लोकसभा चुनावों की तैयारियां शुरू हो गई हैं। पार्टियों के अपने साथ चलने वाले दलों और उम्मीदवारों की तलाश शुरू कर दी है। विधानसभा चुनावों के परिणामों से उत्साहित भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनावों के लिए बड़ा ऐलान किया है। पार्टी ने आम चुनावों में राज्य में किसी भी दल के साथ गठबंधन ना करने का फैसला किया है। 

लोकसभा चुनावों के लिए तैयार रहे कार्यकर्ता- जी. किशन रेड्डी 

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने शुक्रवार को पार्टी कार्यकर्ताओं से अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए तैयार रहने को कहा। उन्होंने साफ किया कि भाजपा किसी भी पार्टी से गठबंधन नहीं करेगी। बता दें कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अभिनेता-राजनेता बने पवन कल्याण की जन सेना पार्टी (जेएसपी) के साथ गठबंधन किया था। जेएसपी ने आठ सीटों पर चुनाव लड़ा लेकिन उसे कोई सीट नहीं मिली। राज्य की कुल 119 में से 111 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली भाजपा को आठ सीटें मिलीं।

विधानसभा चुनावों में बढ़ा बीजेपी का मत प्रतिशत 

वहीं पिछले विधानसभा चुनावों में सिर्फ एक सीट पर जीत मिली थी। बाद में उपचुनावों में दो सीटें जीतने के बाद इसकी संख्या में सुधार हुआ और यह तीन हो गई। वहीं बीजेपी अपना वोट शेयर भी 2018 के 6.98 प्रतिशत से दोगुना कर लगभग 14 प्रतिशत करने में सफल रही। हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव की तुलना में उसका वोट शेयर कम हुआ है। बीजेपी को 2019 में 19.45 प्रतिशत वोट मिले थे और राज्य की 17 लोकसभा सीटों में से चार पर जीत हासिल की थी।

2019 में भी अकेले ही लड़ा था लोकसभा चुनाव 

उसने अकेले चुनाव लड़ा था और यह दो दशकों में पार्टी द्वारा जीती गई सीटों की सबसे अधिक संख्या थी। संयुक्त आंध्र प्रदेश में भाजपा को 1998 में चार सीटें और 1999 में सात सीटें मिलीं। 2004 और 2009 में इसका प्रदर्शन शून्य रहा। 2014 में, भाजपा ने एक सीट जीती थी, जब बंडारू दत्तात्रेय ने सिकंदराबाद से विजयी रहे थे। पिछले लोकसभा चुनावों में प्रभावशाली प्रदर्शन के साथ, भाजपा ने न केवल सिकंदराबाद सीट पर कब्जा बरकरार रखा, बल्कि निज़ामाबाद, करीमनगर और आदिलाबाद में भी जीत हासिल की।

आदिलाबाद और निज़ामाबाद लोकसभा क्षेत्रों में 6 विधानसभाएं

हाल के विधानसभा चुनाव में, भाजपा ने छह सीटें जीतीं जो आदिलाबाद और निज़ामाबाद लोकसभा क्षेत्रों में आती हैं। हालांकि, विधानसभा चुनाव में पार्टी के तीनों सांसदों को हार का सामना करना पड़ा। आदिलाबाद के सांसद सोयम बापू राव बोथ विधानसभा सीट हार गए। निज़ामाबाद धर्मपुरी अरविंद को भी कोरात्ला निर्वाचन क्षेत्र में हार का सामना करना पड़ा। भाजपा महासचिव और करीमनगर सांसद करीमनगर विधानसभा सीट जीतने में नाकाम रहे। करीमनगर लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाले विधानसभा क्षेत्रों में भी भाजपा को कोई सीट नहीं मिली।