A
Hindi News उत्तर प्रदेश यूपी में फिर कमबैक की तैयारी में कांग्रेस, राज्यभर में करेगी 14 बड़ी रैलियां; इन जातियों को साधने की कोशिश

यूपी में फिर कमबैक की तैयारी में कांग्रेस, राज्यभर में करेगी 14 बड़ी रैलियां; इन जातियों को साधने की कोशिश

यूपी में कांग्रेस पार्टी फिर से कमबैक की तैयारी कर रही है। आने वाले दिनों में कांग्रेस राज्य भर में 14 बड़ी रैलियां करेगी। इन रैलियों के जरिए पार्टी अपने कोर वोटरों को साधने की कोशिश करेगी।

रैलियों के जरिए वोट बैंक साधने की तैयारी।- India TV Hindi Image Source : PTI/FILE रैलियों के जरिए वोट बैंक साधने की तैयारी।

लखनऊ: कांग्रेस पार्टी एक बार फिर से यूपी में अपनी पैठ मजबूत करने के प्रयास में जुटी हुई है। कांग्रेस पार्टी, संगठन सृजन कार्यक्रम के तहत उत्तर प्रदेश में अपने आप को मजबूत करने के लिए आने वाले दिनों में यूपी में राज्यस्तर की 14 बड़ी रैलियां करेगी। इन रैलियों के जरिए कांग्रेस पार्टी समाज के विभिन्न वर्गों को उत्तर प्रदेश में साधने की कोशिश करेगी। इस कार्यक्रम का समापन एक भव्य रैली के साथ उत्तर प्रदेश में किया जाएगा। ये रैलियां 14 दिसंबर से 14 जनवरी के बीच आयोजित की जाएंगी। इन रैलियों में कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व शामिल होगा।

इन जातियों को साधने की कोशिश

कांग्रेस पार्टी की ये रैलियां किन-किन जगहों पर होगीं इसे लेकर अभी फैसला होना बाकी है। इन रैलियों को आयोजित करने के लिए शहरों का चयन पार्टी की राज्य इकाई ने इलाके के जातीय समीकरणों के आधार पर तय किया है। जिन शहरों में रैलियां होनी हैं वो कुछ इस प्रकार हैं- 

  • वाराणसी में कुर्मी समाज 
  • मेरठ और मुफ्फरनगर में जाट समुदाय
  • अलीगढ़ में लोधी समाज 
  • झांसी में दलित समाज
  • लखनऊ में सवर्ण समाज यानी प्रबुद्ध सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा
  • इसके अलावा पटेल समुदाय और मुस्लिम समुदाय को साधने के लिए अलग से रैलियां की जाएंगी

जिलाध्यक्षों का किया जाएगा रिव्यू

इसके अलावा राज्य के प्रभारी 7 और 8 अक्टूबर को राज्य में नियुक्त किए गए सभी जिला अध्यक्षों की परफॉर्मेंस रिव्यू मीटिंग करेंगे। वहीं मार्च के बाद जिन जिला अध्यक्षों का परफॉर्मेंस खराब रहा, उनकी छुट्टी कर उस जिले में नए जिला अध्यक्ष की नियुक्ति की जाएगी।

पारंपरिक वोट बैंक साधने का प्रयास

गौरतलब है कि पिछले कई दशकों से राज्य की राजनीति में हाशिए पर चल रही है। कांग्रेस पार्टी का पारंपरिक वोट बैंक ब्राह्मण, दलित और अल्पसंख्यक समुदाय रहा है, लेकिन कई दशकों से पार्टी अपने इस पारंपरिक वोट बैंक को वापिस ला पाने में नाकामयाब रही है। अब कांग्रेस राज्य में अपने पारम्परिक वोट बैंक के साथ अति पिछड़ा वर्ग को साधने का भी प्रयास कर रही है।

यह भी पढ़ें-

दिल्ली के CR पार्क इलाके में दुर्गा पूजा पंडाल जाएंगे PM मोदी, कई रास्ते रहेंगे बंद; यहां देख लें ट्रैफिक एडवाइजरी

बिहार में SIR के तहत मतदाता सूची जारी, जानें वोटर कैसे चेक कर सकते हैं अपना नाम