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Hindi News पश्चिम बंगाल महामारी और चुनाव बाद हिंसा की दोहरी चुनौती का सामना कर रहा है बंगाल- धनखड़

महामारी और चुनाव बाद हिंसा की दोहरी चुनौती का सामना कर रहा है बंगाल- धनखड़

कूच बिहार जिले में विभिन्न स्थानों का दौरा शुरू करते हुए राज्यपाल ने कहा, ‘‘देश कोविड की चुनौती से जूझ रहा है तथा पश्चिम बंगाल को महामारी और चुनाव बाद हुई हिंसा की दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।’’

covid and post poll violence has increased challenges of bengal says governor महामारी और चुनाव बाद ह- India TV Hindi Image Source : PTI महामारी और चुनाव बाद हिंसा की दोहरी चुनौती का सामना कर रहा है बंगाल- धनखड़

कूच बिहार. पश्चिम बंगाल में अपनी मर्जी से वोट देने वाले लोगों को निशाना बनाकर हमला किये जाने का दावा करते हुए राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बृहस्पतिवार को कहा कि ऐसे में जबकि देश कोविड संकट से जूझ रहा है, राज्य को महामारी और चुनाव बाद हिंसा की दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।

राज्यपाल ने कहा कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद हमलों की घटना से वह स्तब्ध थे और उन्होंने हिंसा से प्रभावित विभिन्न जगहों का दौरा करने का निर्णय लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए किया। कूच बिहार जिले में विभिन्न स्थानों का दौरा शुरू करते हुए राज्यपाल ने कहा, ‘‘देश कोविड की चुनौती से जूझ रहा है तथा पश्चिम बंगाल को महामारी और चुनाव बाद हुई हिंसा की दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।’’

उनके अनुसार यह हिंसा केवल इस आधार पर हो रही है क्योंकि कुछ लोगों ने अपनी मर्जी से वोट डालने का फैसला लिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नीत सरकार सुनिश्चित करे कि कानून अपने हाथ में लेने वाले सभी लोगों को न्याय के शिकंजे में लाया जाए। विपक्षी पार्टी भाजपा का आरोप है कि तृणमूल कांग्रेस उसके कार्यकर्ताओं और समर्थकों के खिलाफ हिंसा कर रही है। हालांकि सत्तारूढ़ दल ने इन आरोपों से साफ इंकार किया है।

राज्यपाल ने कहा, ‘‘इतिहास मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का इंसाफ करेगा। इतिहास राज्यपाल जगदीप धनखड़ तथा नौकरशाही और मीडिया का भी इंसाफ करेगा।’’

चुनाव बाद हुई हिंसा के संबंध में सूचना पाने के तमाम प्रयास के बावूजद राज्य सरकार से कोई जानकारी नहीं मिलने का दावा करते हुए धनखड़ ने कहा कि राज्य सरकार संविधान के अनुच्छेद 167 के तहत उन्हें आवश्यक सूचना मुहैया कराए। उन्होंने कहा, ‘‘मैं किसी भी परिस्थिति में बिना किसी रूकावट और विचलित हुए बिना अपने संवैधानिक कर्तव्य का निर्वहन करुंगा।’’