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भारत, चीन एक-दूसरे के लिए खतरा नहीं होने की आम राय को मानने पर सहमत: वांग यी

वांग यी ने 21-27 मार्च तक अपने दक्षिण एशिया दौरे के दौरान पाकिस्तान, अफगानिस्तान और नेपाल का भी दौरा किया था।

Wang Yi, Wang Yi India, Wang Yi China, China Wang Yi India, China Wang Yi- India TV Hindi Image Source : AP FILE Chinese Foreign Minister Wang Yi.

Highlights

  • दोनों देश एक-दूसरे के वास्ते खतरा नहीं हैं और अपने मतभेदों को दूर कर सकते हैं: वांग यी
  • भारत-चीन प्रतिद्वंद्वियों के बजाय भागीदार हैं, और उन्हें एक-दूसरे को सफल होने में मदद करनी चाहिए: वांग यी
  • वांग ने 21-27 मार्च तक अपने दक्षिण एशिया दौरे के दौरान पाकिस्तान, अफगानिस्तान और नेपाल का भी दौरा किया था।

बीजिंग: चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा है कि अपनी हाल की भारत यात्रा के दौरान, उन्होंने ‘उत्सुकतापूर्वक महसूस’ किया कि दोनों पक्ष नेताओं की इस आम राय को मानने के लिए सहमत हुए थे कि दोनों देश एक-दूसरे के वास्ते खतरा नहीं हैं और अपने मतभेदों को दूर कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देश एक-दूसरे के प्रतिद्वंदी नहीं हैं। वांग ने 25 मार्च को नई दिल्ली की अपनी अघोषित यात्रा के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ बातचीत की थी।

चीनी आधिकारिक मीडिया के लिए नई दिल्ली में हुई अपनी बातचीत के बारे में बताते हुए वांग ने कहा, ‘उन्होंने सबसे अधिक उत्सुकता से महसूस किया है कि दोनों पक्ष दोनों देशों की महत्वपूर्ण इस आम राय को मानने के लिए सहमत हैं, कि वे एक-दूसरे के लिए खतरा नहीं हैं। दोनों देशों के लिए चिंता की व्यावहारिक समस्याओं का समाधान करना, मतभेदों को दूर करना और द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देना आवश्यक है।’ उन्होंने कहा कि भारत-चीन प्रतिद्वंद्वियों के बजाय भागीदार हैं, और उन्हें एक-दूसरे को सफल होने में मदद करनी चाहिए।

वांग ने बीजिंग के इस रुख को फिर से दोहराया कि ‘परिपक्व और तर्कसंगत पड़ोसियों के रूप में, चीन और भारत को द्विपक्षीय संबंधों में सीमा मुद्दे को न्यायोचित स्थान पर रखना चाहिए, और इसे द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास को बाधित नहीं करने देना चाहिए।’ विदेश मंत्री जयशंकर ने वार्ता के दौरान पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले बिंदुओं पर सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया को जल्दी से पूरा करने पर जोर दिया और अपने चीनी समकक्ष से कहा कि यदि सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थिति ‘असामान्य’ है, तो द्विपक्षीय संबंध सामान्य नहीं हो सकते।

वांग के साथ लगभग 3 घंटे तक चली बातचीत के बाद जयशंकर ने कहा था कि सामान्य संबंधों की बहाली के लिये सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं अमन बहाल होना जरूरी है। जयशंकर ने कहा था, ‘अगर दोनों पक्ष संबंधों को बेहतर बनाने को प्रतिबद्ध हैं तब इस प्रतिबद्धता की पूरी अभिव्यक्ति पीछे हटने की प्रक्रिया के बारे में जारी बातचीत में परिलक्षित होनी चाहिए।’ उन्होंने कहा था कि पूर्वी लद्दाख को लेकर भारत और चीन के बीच वर्तमान स्थिति के संबंध में ‘कार्य प्रगति पर है’, हालांकि इसकी गति वांछित स्तर की तुलना में धीमी है।

वांग ने 21-27 मार्च तक अपने दक्षिण एशिया दौरे के दौरान पाकिस्तान, अफगानिस्तान और नेपाल का भी दौरा किया था। इस्लामाबाद की अपनी यात्रा के दौरान, उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान, सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा और विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से मुलाकात की थी।

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