चीन के विदेश मंत्री वांग यी की नई दिल्ली यात्रा के बाद भारत-चीन सीमा से तनाव को दूर करने वाली खबर सामने आ रही है। चीनी के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि उसने भारत के साथ सीमा पर अहम सहमति बना ली है।
चीन ने भारत के प्रति रुख नरम करते हुए सीमा विवाद सुलझाने और आपसी सहयोग बढ़ाने की बात की है। इसकी वजह भारत की रणनीतिक ताकत, तेजी से बने सीमा इंफ्रास्ट्रक्चर और पूर्वी लद्दाख में न्योमा एयरफील्ड जैसे प्रोजेक्ट हैं। चीन अब भारत को नजरअंदाज नहीं कर सकता।
आज भारत चीन के रिश्तों में बड़ा बदलाव दिखा....चीन ने भारत के साथ सीमा विवाद सुलझाने....सरहद पर शान्ति बनाए रखने...और भारत के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाने की प्रतिबद्धता जताई है....चीन ने भी ये भी कहा है कि वो भारत को रेयर अर्थ मैटल्स....फर्टिलाइजर्स...और टनल बोरिंग मशीन्स की सप्लाई वक्त पर करेगा..
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने अपनी भारत यात्रा के दौरान मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है। वांग यी ने SCO सम्मेलन के लिए पीएम मोदी को निमंत्रण सौंपा है।
चीन के विदेश मंत्री वांग यी दो दिनों के भारत दौरे पर है। इस दौरान चीन-भारत सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधियों की 24वीं बैठक दिल्ली में आयोजित हुई है। बैठक में चीन-भारत सीमा मुद्दे पर अहम वार्ता हुई है।
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को आश्वासन दिया कि उनका देश भारत को उर्वरकों, दुर्लभ मृदा खनिजों और सुरंग खोदने वाली मशीनों की अति आवश्यक आपूर्ति फिर से शुरू करेगा।
विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी को कहा कि भारत-चीन के संबंधों को आपसी सम्मान, आपसी संवेदनशीलता और आपसी हित के सिद्धांतों पर आधारित होना चाहिए।
गलवान में हुई झड़प के बाद भारत-चीन संबंध निचले स्तर तक पहुंच गए थे। इस घटना ने राजनीतिक, कूटनीतिक और आर्थिक स्तरों पर गहरा असर डाला था। लेकिन, अब समय के साथ भारत और चीन के संबंधों में बदलाव नजर आ रहा है। चलिए इसी पर एक नजर डालते हैं।
चीन के विदेश मंत्री वांग यी सोमवार को 2 दिवसीय भारत दौरे पर आ रहे हैं। अपनी यात्रा के दौरान चीनी विदेश मंत्री पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। चलिए आपको बताते हैं कि भारत दौरे पर चीन के विदेश मंत्री का पूरा कार्यक्रम क्या रहने वाला है।
चीन के विदेश मंत्री वांग यी सोमवार से दो दिवसीय भारत दौरे पर आ रहे हैं। वांग यी भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल के साथ सीमा मुद्दे पर अगले दौर की बातचीत करेंगे।
जयशंकर ने वांग यी से हाल में हुई बातचीत के दौरान कहा कि भारत-चीन संबंधों में किसी तीसरे देश, खासकर पाकिस्तान, की कोई जगह नहीं है। उन्होंने सीमा पर शांति, भरोसेमंद सप्लाई चेन और आतंकवाद के खिलाफ कड़ाई पर जोर दिया।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर चीन के दौरे पर हैं। जयशंकर ने बीजिंग में अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ बैठक की है। पिछले 5 वर्षों में जयशंकर की यह पहली चीन यात्रा है।
भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी से बातचीत की है। इसमें उन्होंने कहा है कि भारत ने आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई की है।
भारत से जारी तनाव के बीच पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने फोन पर बातचीत की है। आइए जानते हैं कि चीन ने इस मामले में क्या पक्ष रखा है।
भारत-चीन के बीच जोहांसबर्ग में जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर द्विपक्षीय वार्ता हुई है। इससे दोनों देशों के संबंधों में आने वाले दिनों में और सुधार देखने को मिल सकते हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीनी समकक्ष वांग यी से मिलने की तस्वीरें एक्स पर शेयर की हैं।
भारत और चीन करीब 4 वर्षों बाद फिर से शांति की राह पर चल पड़े हैं। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की बीजिंग यात्रा ने दोनों देशों के संबंधों में सुधार को गति दे दी है। बृहस्पतिवार को डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच कई बिंदुओं पर सहमति बनी।
भारत और चीन के बीच सीमा मुद्दे को लेकर बीजिंग में दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच एक बड़ी बैठक का आयोजन किया गया है। इस बैठक में भारत के NSA अजित डोवाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने हिस्सा लिया।
ब्राजील के रियो डी जनेरियो में विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच मुलाकात हुई है। दोनों की यह मुलाकात G20 समिट से इतर हुई है।
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने आसियान शिखर सम्मेलन में चीन के समकक्ष वांग यी के साथ द्विपक्षीय वार्ता की है। इस दौरान भारत-चीन संबंधों में स्थिरता लाने के लिए सीमा विवाद सुलझाने, पूर्व समझौतों का सम्मान करने और डिसइंगेजमेंट को लेकर सहमति बनाई गई।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच अहम मुलाकात हुई है। दोनों नेताओं की मुलाकात कजाखिस्तान की राजधानी अस्ताना में हुई है। दोनों नेताओं के बीच बातचीत सीमा विवाद पर केंद्रित रही।
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