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पाकिस्तान को नहीं मिलेगी कोई मदद! विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया आतंक का पोषक

बदहाली से जूझ रहे कंगाल पाकिस्तान को भारत कोई मदद करने वाला नहीं है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान को आतंकवाद को पोषक करार दिया है। उन्होंने उसकी मौजूदा स्थिति के लिए पाक को खुद जिम्मेदार बताया है।

एस जयशंकर, विदेश मंत्री- India TV Hindi Image Source : PTI एस जयशंकर, विदेश मंत्री

नई दिल्लीः बदहाली से जूझ रहे कंगाल पाकिस्तान को भारत कोई मदद करने वाला नहीं है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान को आतंकवाद को पोषक करार दिया है। उन्होंने उसकी मौजूदा स्थिति के लिए पाक को खुद जिम्मेदार बताया है। विदेश मंत्री ने पाकिस्तान को उसकी आर्थिक बदहाली से बाहर निकालने में मदद करने के विचार को बृहस्पतिवार को एक तरह से खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय द्वारा यहां आयोजित ‘एशिया आर्थिक संवाद’ में जयशंकर ने कहा कि वह कोई बड़ा फैसला लेते समय स्थानीय जनभावना का ध्यान रखेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे लोग इसके बारे में क्या महसूस करते हैं, इसकी जानकारी मुझे होगी। और मुझे लगता है कि आपको जवाब पता है। यानि साफ है कि देश के लोग नहीं चाहते कि भारत पाकिस्तान को कोई मदद करे। इसलिए जनभावना का मोदी सरकार पूरा ध्यान रख रही है। 

भारत ने जब तुर्की जैसे देश को भूकंप में मदद की। इससे पहले श्रीलंका की मदद की तो पाकिस्तान को लगा कि शायद उसे भी भारत से कुछ मिल जाए, लेकिन विदेश मंत्री ने साफ कह दिया है कि इसके आड़े में पाकिस्तान का आतंकवाद और भारत की जनभावना आ रही है। भारत अपने देश वासियों की जनभावना का कभी अनादर नहीं कर सकता। इस वक्त पाकिस्तान आर्थिक संकट से जूझ रहा है और बहुपक्षीय संस्थानों से भी समझौता कराने में सफल नहीं रहा है। हाल के दिनों में, भारत ने श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों की मदद की है। जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद भारत-पाकिस्तान संबंधों का मूलभूत मुद्दा है, जिससे कोई बच नहीं सकता है और ‘‘हम मूलभूत समस्याओं से इनकार नहीं कर सकते हैं।

आतंकवाद का उद्योग लगाने वाला देश समृद्ध नहीं बन सकता
विदेश मंत्री ने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर कहा, ‘‘कोई भी देश कभी भी मुश्किल स्थिति से बाहर नहीं निकल सकता और एक समृद्ध शक्ति नहीं बन सकता, अगर उसका मूल उद्योग आतंकवाद है। उन्होंने कहा, ‘‘एक देश को अपने आर्थिक मुद्दों का समाधान करना होता है, उसी तरह उसे अपने राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों का समाधान करना होता है।’’ जयशंकर ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी देश को गंभीर आर्थिक कठिनाइयों में देखना किसी के हित में नहीं है, और वह भी एक पड़ोसी देश को। उन्होंने कहा कि एक बार जब कोई देश गंभीर आर्थिक समस्या की गिरफ्त में होता है, तो उसे इससे बाहर निकलने के लिए नीतिगत विकल्प खोजने पड़ते हैं। उन्होंने कहा कि अन्य लोग इसे देश के लिए हल नहीं कर सकते। 

अन्य पड़ोसियों से भारत के अच्छे संबंध
जयशंकर ने कहा कि दुनिया केवल विकल्प और समर्थन प्रदान कर सकती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान को कड़े फैसले लेने होंगे। उन्होंने कहा कि भारत भी अपने आधुनिक इतिहास में कई बार ऐसी ही चुनौतियों से गुजरा है। इस बीच जयशंकर ने कहा कि 2014 में नरेन्द्र मोदी के सत्ता में आने के बाद से, पड़ोसी देशों के प्रति देश के दृष्टिकोण में एक स्पष्ट बदलाव आया है और साथ ही नए रिश्ते की शुरुआत के लिए शपथ ग्रहण समारोह में राष्ट्राध्यक्षों को बुलाने संबंधी प्रधानमंत्री के फैसले के बारे में भी याद दिलाया। जयशंकर ने कहा कि भारत भी अपने कई पड़ोसियों के साथ बिजली खरीद या बेच रहा है। उन्होंने कहा कि उसने हाल में नेपाल से बिजली खरीदना शुरू किया है। 

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