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इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो से मिले एस जयशंकर, हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर भारत ने कही ये बात

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो से मुलाकात की। उन्हें आसियान की अध्यक्षता के लिए बधाई भी दी। भारत ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में क्वाड संगठन की भूमिका और उसकी महत्ता भी बताई।

इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो से मिलते भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर- India TV Hindi Image Source : PTI इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो से मिलते भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर

भारत के विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने शुक्रवार को इंडोनेशियाई राष्ट्रपति जोको विडोडो के साथ मुलाकात की और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (आसियान) की अध्यक्षता के लिए इंडोनेशिया को भारत का समर्थन जताया। जयशंकर ने राष्ट्रपति विडोडो को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से शुभकामनाएं भी दीं। जयशंकर ने ट्वीट में कहा, ''राष्ट्रपति विडोडो से मिलकर गौरवान्वित हूं। उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से शुभकामनाएं दीं। पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन की इंडोनेशिया द्वारा अध्यक्षता का भारत समर्थन करता है।

'' जयशंकर यहां 13वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (आसियान) के विदेश मंत्रियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्रीय मंच को स्वतंत्र, खुले, समावेशी और नियम-आधारित हिंद-प्रशान्त की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए। उन्होंने कहा, ''भारत, हिंद-प्रशान्त (एओआईपी) पर आसियान के दृष्टिकोण का समर्थन करता है और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के माध्यम से इसे लागू करता है।'' उन्होंने कहा कि भारत और एओआईपी द्वारा प्रस्त्वाति हिंद-प्रशांत महासागर पहल (आईपीओआई) के बीच अच्छा तालमेल है।

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा और शांति के लिए क्वाड की मौजूदगी महत्वपूर्ण

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इंडोनेशिया के दौरान '' चतुर्भुज सुरक्षा संवाद (क्वाड ) की अहमियत भी बताई। क्वाड भारत, आस्ट्रेलिया, अमेरिका और जापान देशों का बड़ा संगठन है। वैश्विक सुरक्षा, शांति और सहयोग बनाए रखना इस संगठन की जिम्मेदारी है। जयशंकर ने कहा कि क्वाड हमेशा आसियान और आसियान नीत तंत्र का पूरक रहेगा। एओआईपी क्वाड की परिकल्पना में योगदान देता है। भारत हिंद-प्रशान्त में आसियान की केन्द्रीयता की पुष्टि करता है और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन को मजबूती देने की वकालत करता है।'' हिंदा-प्रशान्त एक जैव-भौगोलिक क्षेत्र है, जिसमें हिंद महासागर और दक्षिणी चीन सागर सहित पश्चिमी और मध्य प्रशान्त महासागर का हिस्सा शामिल है। (भाषा)

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