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Hindi News विदेश यूरोप पोप फ्रांसिस ने भारतीय नन मरियम थ्रेसिया और 4 अन्य को संत घोषित किया

पोप फ्रांसिस ने भारतीय नन मरियम थ्रेसिया और 4 अन्य को संत घोषित किया

पोप फ्रांसिस ने वेटिकन सिटी में एक भव्य समारोह में भारतीय नन मरियम थ्रेसिया और 4 अन्य को रविवार को संत घोषित किया।

Pope Francis elevates Indian nun Mariam Thresia to sainthood | AP- India TV Hindi इस खास मौके पर वेटिकन सिटी में लोग हजारों की संख्या में आए थे। AP

वेटिकन सिटी: पोप फ्रांसिस ने वेटिकन सिटी में एक भव्य समारोह में भारतीय नन मरियम थ्रेसिया और 4 अन्य को रविवार को संत घोषित किया। मई 1914 में केरल के त्रिसूर में ‘कॉन्ग्रिगेशन ऑफ द सिस्टर्स ऑफ द होली फैमिली’ (CHF) की स्थापना करने वाली मरियम थ्रेसिया को सेंट पीटर्स स्क्वेयर में एक समारोह के दौरान सदियों पुराने इस संस्थान के सबसे ऊंचे पद का सम्मान दिया गया। केरल की नन के साथ ही ब्रिटिश कार्डिनल जॉन हेनरी न्यूमैन, स्विस लेवुमन मार्गरेट बेज, ब्राजील की सिस्टर डुल्स लोप्स और इतालवी सिस्टर ग्यूसेपिना वानीनि को भी संत की उपाधि से विभूषित किया गया।

वेटिकन पहुंचे थे वी. मुरलीधरन, प्रिंस चार्ल्स भी थे मौजूद
पोप फ्रांसिस ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ‘आज अपने नए संतों के लिए हम ईश्वर के शुक्रगुजार हैं।’ इस समारोह के दौरान सेंट पीटर्स के बेसिलिका से 5 नए संतों की विशाल तस्वीरें लटकाईं गईं। इस समारोह में लाखों लोग शामिल हुए। विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने समारोह में भारतीय शिष्टमंडल की अगुवाई की। समारोह में प्रिंस चार्ल्स ने भी शिरकत की। रविवार के कार्यक्रम के साथ ही केरल के साइरो-मालाबार चर्च के संतों की संख्या अब 4 हो गई। सबसे पहले 2008 में सिस्टर अल्फोंसा को संत घोषित किया गया था। इसके बाद फादर कुरियाकोस एलियास चावरा और सिस्टर यूफारसिया को 2014 में संत घोषित किया गया।

बाएं से चौथे नंबर पर है सिस्टर थ्रेसिया की तस्वीर। AP

थ्रेसिया के नाम में यूं जुड़ा मरियम
मरियम थ्रेसिया को उनके जीवन के आधे समय तक केवल थ्रेसिया नाम से जाना जाता था। यह नाम उन्हें 3 मई, 1876 को नामकरण संस्कार के दौरान दिया गया। इसके बाद, वर्ष 1904 उन्होंने इच्छा जताई कि उन्हें मरियम थ्रेसिया पुकारा जाए क्योंकि उनका मानना था कि एक सपने में ब्लेस्ड वर्जिन मेरी ने उन्हें उनके नाम में ‘मरियम’ जोड़ने को कहा था। उन्हें 1914 में यह नाम दिया गया। चर्च ने उन्हें एक असाधारण पवित्र व्यक्ति घोषित किया। वेटिकन न्यूज ने कहा, ‘ईसा मसीह का अनुसरण करते हुए उन्होंने गरीबों की मदद की, बीमारों की सेवा की और अकेले पड़े लोगों का दर्द दूर किया। उन्होंने दुनिया के पाप मिटाने के लिए खुद दुख झेला।’

ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स ने भी समारोह में शिरकत की। AP

PM मोदी ने किया था मरियम थ्रेसिया का जिक्र
सिस्टर थ्रेसिया का 8 जून, 1926 को 50 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। पोप जॉन पॉल द्वितीय ने 9 अप्रैल 2000 को उन्हें ‘धन्य’ घोषित किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 सितंबर को अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में सिस्टर मरियम थ्रेसिया का जिक्र किया था और कहा था कि 13 अक्टूबर को पोप फ्रांसिस उन्हें संत घोषित करेंगे जो हर भारतीय के लिए गर्व की बात है। पीएम ने कहा था, ‘सिस्टर थ्रेसिया ने 50 साल के अपने छोटे से जीवनकाल में ही मानवता की भलाई के लिए जो कार्य किए, वो पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल है| सिस्टर थ्रेसिया ने जो भी कार्य किया, उसे निष्ठा और लगन के साथ पूरे समर्पण भाव से पूरा किया।’

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