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अमेरिकी मीडिया ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI पर लगाया यह संगीन आरोप

रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि अफगानिस्तान से आतंकवादी बेधड़क पाकिस्तानी सेना के गढ़ क्वेटा में आते-जाते हैं, जहां वे सेना एवं इंटर-सर्विस इंटेलिजेंस (ISI) के अधिकारियों से मिलते हैं...

Pakistan's ISI still providing covert support to Taliban, says US Media | AP Photo- India TV Hindi Pakistan's ISI still providing covert support to Taliban, says US Media | AP Photo

वॉशिंगटन: पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI सीमावर्ती क्षेत्र में तालिबान को अब भी चोरी-छिपे सहयोग करती है। अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। ‘वॉशिंगटन टाइम्स’ की एक खोजपूर्ण रिपोर्ट में पाकिस्तानी सीमा क्षेत्र में उन विशिष्ट मोहल्लों और आस पास के इलाकों का जिक्र है जिन्हें तालिबान आतंकवादी पनाहगाह की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि अफगानिस्तान से आतंकवादी बेधड़क पाकिस्तानी सेना के गढ़ क्वेटा में आते-जाते हैं, जहां वे सेना एवं इंटर-सर्विस इंटेलिजेंस (ISI) के अधिकारियों से मिलते हैं।

अखबार ने अज्ञात खुफिया सूत्रों के हवाले से कहा, ‘हमारा मानना है कि शीर्ष तालिबान नेतृत्व पश्तुनाबाद, गुलिस्तान और आस पास के इलाकों से संचालित हो रहा है।’ इसके अनुसार, क्वेटा से44 किलोमीटर दूर एक छोटा-सा सीमावर्ती जिला किला अब्दुल्ला भी ऐसा ही अन्य इलाका है जहां तालिबान ISI के साथ काम कर रहा है। जिले के अंदर चमन नामक एक इलाके की सीमा अफगानिस्तान से मिलती है, जिसे तालिबान का गढ़ माना जाता है। आतंकवादी वहां मुक्त रूप से अपनी गतिविधि चलाते हैं। स्थानीय लोग उन्हें तालिब्स के नाम से जानते हैं। सूत्र के अनुसार स्वचालित हथियारों से लैस तालिबान के लड़ाकों को ‘मोटरबाइक या चार पहिया वाहनों पर 2 से लेकर 5 साथियों के साथ’ कुचलक की सड़कों पर आते-जाते देखा जाता है।

‘वॉशिंगटन टाइम्स’ ने कहा कि ISI अपने एसयूवी का इस्तेमाल कर सुरक्षा गश्त लगाकर तालिबान को कुचलक के मुख्य मार्ग के पास आवागन में मदद उपलब्ध कराती है। अखबार लिखता है कि ISI सुरक्षा क्षेत्र में एक खुला रहस्य है। स्थानीय पुलिस को अफगानिस्तान से तालिबान के आवागमन को रोकने की इजाजत नहीं है और ये लड़ाके खुद को तालिब्स बताकर नाकों पर पहचान दिखाने के अनुरोध को इनकार कर देते हैं। बताया जाता है कि पाकिस्तानी अर्द्धसैनिक बलों के गढ़ चमन सिटी के निकट गुलदारा बागीचा तालिबान के परिवारों का प्रमुख निवास स्थल है और ISI ने इस इलाके में स्थानीय पुलिस एवं पाकिस्तान फ्रंटियर कोर के प्रवेश एवं गश्त पर रोक लगा रखी है। अखबार के अनुसार इसके पास के इलाके किली जहांगीर में भी प्रतिबंधित क्षेत्र हैं, क्योंकि इसके निकट ही तालिबान परिवार रहते हैं।

खुफिया सूत्र ने बताया, ‘पश्चिमी बलों के खिलाफ अफगानिस्तान में इनके अभियान के बाद दक्षिण चमन की जंगल पीरालिजिया तालिबान का पनाहगाह बन गया है।’ इसके अनुसार स्थानीय पुलिस एवं तालिबानी लड़ाकों के बीच संघर्ष देखे जाते हैं और ऐसी स्थिति में पुलिस जब तालिबान लड़ाकों को गिरफ्तार करती है तो ISI तुरंत दखल देकर उन्हें रिहा करा लेती है। इस बीच पेंटागन ने कहा है कि अमेरिका चाहता है कि पाकिस्तान क्षेत्र में आतंकवाद के खिलाफ और अधिक कदम उठाए। पेंटागन की मुख्य प्रवक्ता डाना व्हाइट ने कहा, ‘रक्षा मंत्री ने कहा है कि पाकिस्तान इस संबंध में और अधिक कार्रवाई कर सकता है और हमें उम्मीद है कि पाकिस्तान क्षेत्र में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में और अधिक कदम उठाएगा।’

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